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2 min read | अपडेटेड March 24, 2025, 11:55 IST
सारांश
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह स्कीम का काफी लोग फायदा उठा रहे हैं। इस स्कीम के लिए क्या पात्रता होनी चाहिए, इससे कितने पैसे मिलते हैं और किस तरह इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं, चलिए समझते हैं।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के बारे में जानें सबकुछ
उत्तर प्रदेश सरकार ने अक्टूबर 2017 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 67155 लाभार्थियों को पैसा दिया जा चुका है, जबकि 94663 शादियां कराई जा चुकी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के पास इसको लेकर 167461 आवेदन आ चुके हैं, जिसमें से 32668 लोगों के आवेदन को ठुकराया भी गया है। इस योजना के क्या फायदे हैं, इसकी पात्रता क्या है और इसके लिए कैसे अप्लाई किया जा सकता है, चलिए समझते हैं।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा गरीबी में जीवन बिता रहे जरूरतमंद परिवारों की विवाह योग्य कन्याओं व विधवा/तलाकशुदा महिलाओं की शादी के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करते हुए उनकी सामाजिक/धार्मिक मान्यताओं, रीति-रिवाजों व परम्पराओं के अनुसार भव्य कार्यक्रम में विवाह सम्पन्न कराया जाता है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य समाज में सामाजिक समरसता व सर्वधर्म-समभाव को बढ़ावा देना है।
योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रति युगल ₹51,000 खर्च किए जाते हैं, जिसमें से ₹35,000 प्रति कन्या के दाम्पत्य जीवन में खुशहाली और गृहस्थी की स्थापना हेतु उसके बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं और ₹10,000 की उपहार सामग्री वर-वधू को दी जाती है और ₹6,000 समारोह के आयोजन को भव्यता प्रदान करने में खर्च किए जाते हैं।
कन्या के अभिभावक उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हों।
कन्या या कन्या के अभिभावक निराश्रित, निर्धन और जरूरतमंद हों।
आवेदक के परिवार की वार्षिक आय सीमा अधिकतम ₹2,00,000 तक हो।
विवाह हेतु किए गए आवेदन में पुत्री की आयु शादी की तिथि को 18 वर्ष या उससे अधिक होनी अनिवार्य है और वर की आयु भी विवाह की तिथि को 21 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए।
आयु की पुष्टि के लिए स्कूल शैक्षिक रिकॉर्ड, जन्म प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, आधार कार्ड मान्य होंगे।
कन्या अविवाहित हो या विधवा, तलाकशुदा जिसका कानूनी रूप से तलाक हो गया हो, का पुनर्विवाह किया जाना हो।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र देना होगा।
विवाह हेतु निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांगजन अभिभावक की पुत्री, ऐसी कन्या जो स्वयं दिव्यांग हो, को प्राथमिकता दी जाएगी।
shadianudan.upsdc.gov.in साइट पर जाएं और एप्लिकेशन फॉर्म डाउनलोड करें। इसमें पूछी गई सारी डिटेल्स भरें और साथ ही मांगे गए डॉक्यूमेंट्स भी अटैच करें। इसे सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट में जमा करें।
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