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2 min read | अपडेटेड April 22, 2025, 09:49 IST
सारांश
सोचिए जरा सड़कों पर गाड़ियों के हॉर्न की कर्कश आवाज को अगर तबला, बांसुरी जैसे वाद्ययंत्रों की मधुर आवाज से रिप्लेस कर दिया जाए? नितिन गडकरी इस तरह का कानून लाने पर विचार कर रहे हैं।
नितिम गडकरी गाड़ियों के हॉर्न को लेकर नया कानून लाने के बारे में सोच रहे हैं
सोचिए जरा आप सड़क पर जा रहे हैं और आपको एकदम से पीछे से आती हुई गाड़ी से तबले या बांसुरी का संगीत सुनाई दे? दरअसल केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि वह ऐसा कानून बनाने के बारे में सोच रहे हैं, जिसके तहत गाड़ियों में हॉर्न में केवल भारतीय संगीत के वाद्ययंत्रों की आवाज का ही इस्तेमाल किया जा सके। गडकरी का मानना है कि हॉर्न में अगर इस तरह की आवाज आएगी, तो लोगों को यह सुनना अच्छा लगेगा।
गडकरी ने कहा, 'मैं एक ऐसा कानून बनाने का प्लान बना रहा हूं कि सभी गाड़ियों के हॉर्न भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों पर आधारित हों, ताकि उन्हें सुनना अच्छा लगे और सुखद अनुभव हो। बांसुरी, तबला, वायलिन, हारमोनियम।' उन्होंने कहा कि देश में वायु प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र का योगदान 40% है। नरेंद्र मोदी सरकार मेथनॉल, एथनॉल सहित हरित और जैव ईंधन पर चलने वाले वाहनों को बढ़ावा दे रही है।
गडकरी ने कहा कि भारत को दोपहिया वाहनों और कारों के निर्यात से अधिकतम रेवेन्यू मिलता है। उन्होंने बताया कि 2014 में भारतीय वाहन सेक्टर का मूल्य 14 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है। गडकरी ने कहा कि भारत, जापान को पीछे छोड़कर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है। गडकरी ने अपने कार्यकाल में इस सेक्टर में जबर्दस्त काम किया है।
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