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New Colour Olo: वैज्ञानिकों ने खोजा ऐसा अनोखा रंग जो पहले कभी किसी ने नहीं देखा

Upstox

2 min read | अपडेटेड April 21, 2025, 15:37 IST

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सारांश

New Colour Olo: वैज्ञानिकों ने एक नया रंग Olo खोजने का दावा किया है। एक रिसर्च रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह ऐसा रंग है जो इसके पहले कभी किसी इंसान ने नहीं देखा है और सिर्फ इस एक्सपेरिमेंट के दौरान लेजर के इस्तेमाल से इसे देखा जा सका है। इस खोज के साथ ही विजन साइंस और स्क्रीन-डिस्प्ले की फील्ड में नई रिसर्च के रास्ते खुल गए हैं।

ये नया रंग olo प्रकृति में सामान्य रूप से नहीं दिखाई देता है।

ये नया रंग olo प्रकृति में सामान्य रूप से नहीं दिखाई देता है।

New Colour Olo: यूं तो दुनिया में अनेक रंग हैं लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें अभी तक इंसान देख ही नहीं सका है। ऐसे ही एक रंग की खोज की है रिसर्चर्स की एक टीम ने जिसका दावा है कि अब तक इसको सिर्फ 5 लोगों ने ही देखा है लेकिन हो सकता है कि ज्यादा लोग इस कलर को पहचान सकें।

साइंस अडवांसेज में छपी स्टडी में रिसर्चर्स की टीम ने इस नए कलर के बारे में बताया है जिसको Olo नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि Oz तकनीक से खोजे गए Olo कलर को देखने वाले इसे गहरा टील बताते हैं जिसे एक सामान्य ग्रे बैकग्राउंड पर पहली बार देखा गया था।

दरअसल, हमारी आंखों में रंगों को पहचानने के लिए अलग-अलग सेल होते हैं जिन्हें कोन कहते हैं। जब हम कोई रोशनी देखते हैं तो ये कोन ऐक्टिवेट हो जाते हैं और हमें बताते हैं कि हम कौन सा कलर देख रहे हैं। तीन तरह के कोन लाल, हरी और नीली रोशनी को डिटेक्ट कर पाते हैं।

जब हमारी ओर कोई रोशनी आती है तो ये तीनों मिलकर हमें रंगों भरी तस्वीर दिखाते हैं। प्राकृतिक रिप से ऐसा मुमकिन नहीं होता है कि एक बार में सिर्फ एक ही रंग दिखाई दे। आमतौर पर एक साथ दो-तीन रंग डिटेक्ट होते हैं और हमारा दिमाग उन्हें मिलाकर एक नया रंग दिखाता है।

ताजा रिसर्च में वैज्ञानिकों ने लेजर लाइट की मदद से सिर्फ एक सेल को ऐक्टिवेट किया जिससे उन्हें सिर्फ एक ही रंग दिखाई दिया वो भी कफी गहरे टील या सी ग्रीन जैसा। क्योंकि इस कलर को रिसर्चर्स ने लेजर की मदद से लैब के अंदर डिटेक्ट किया, इसलिए बाहरी दुनिया में इसकी मौजूदगी ना के बराबर है।

इस खोज के साथ इंसानों के विजन को लेकर नई खोज के रास्ते खुलने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा Oz तक का मीडिया और डिस्प्ले में इस्तेमाल भी होने की संभावना हो सकती है।

हालांकि, कई रिसर्चर्स ने इस खोज को अहमियत ना देने की बात कही है। उनका कहना है कि यह कोई नया रंग नहीं है बल्कि एक खास कंडीशन के अंदर की गई ऑब्जर्वेशन है। इससे उलट यह भी माना जा रहा है कि इसकी मदद से विजन को समझने के नए तरीके सामने आ सकते हैं और इसकी मदद से आंखों की रोशनी से जुड़ी कंडीशन्स पर बेहतर रिसर्च हो सकती है।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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