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2 min read | अपडेटेड May 06, 2025, 09:55 IST
सारांश
नई आबकारी नीति में प्रावधान दिया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य प्रमुख मार्ग से सीधे तौर पर कोई भी शराब की दुकान या ठेका नहीं दिखना चाहिए। ऐसे में रोड से अंदर वाले ठेके रोड पर ठेके को लेकर कोई विज्ञापन नहीं लगा पाएंगे। अगर ऐसा कोई साइन बोर्ड या विज्ञापन दिखता है तो भारी जुर्माना लगेगा।
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हरियाणा मंत्रिमंडल ने 2025-27 के लिए आबकारी नीति को सोमवार को मंजूरी दे दी। इसके तहत 500 या इससे कम आबादी वाले गांवों में शराब के उप-विक्रेता को दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही नई आबकारी नीति में शराब के विज्ञापन पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी गई।
इस नीति में पेश एक प्रमुख सुधार आबकारी नीति वर्ष को वित्त वर्ष के साथ समायोजित करना है। वर्तमान नीति 12 जून, 2025 से 31 मार्च, 2027 तक 21.5 महीने की अवधि के लिए लागू होगी। इसके बाद भविष्य में इसे अप्रैल-मार्च वित्त वर्ष के अनुरूप लागू किया जाएगा। सामाजिक स्तर पर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि 500 या इससे कम जनसंख्या वाले गांवों में शराब के किसी भी उप-विक्रेता को दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी।
इसके अलावा शराब के विज्ञापन पर भी सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। लाइसेंस-प्राप्त इलाके में सभी तरह के विज्ञापन अब स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित हैं। इसका उल्लंघन होने पर काफी अधिक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा नई आबकारी नीति में प्रावधान दिया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य प्रमुख मार्ग से सीधे तौर पर कोई भी शराब की दुकान या ठेका नहीं दिखना चाहिए। ऐसे में रोड से अंदर वाले ठेके रोड पर ठेके को लेकर कोई विज्ञापन नहीं लगा पाएंगे। अगर ऐसा कोई साइन बोर्ड या विज्ञापन दिखता है, तो पहली बार में एक लाख रुपये जुर्माना, दूसरी बार में दो लाख रुपये जुर्माना, तीसरी बार में तीन लाख रुपये जुर्माना लगेगा, जबकि फिर अगर ऐसा किया गया, तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
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