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भारत में स्टार्टअप कल्चर बढ़ता जा रहा है और सरकार भी इसके लिए आपको हर संभव मदद देने के लिए तैयार है। एक नजर उन सरकारी योजनाओं पर जो आपके स्टार्टअप के बहुत काम आ सकती हैं।
स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत 2016 में की गई थी। भारतीय सरकार की यह प्रमुख पहल है, इनोवेशन को बढ़ावा देना और स्टार्टअप के इकोसिस्टम को व्यवस्थित करना इसका प्रमुख उद्देश्य है।
स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS) ₹945 करोड़ के कोष के साथ 2021 में शुरू की गई। SISFS अलग-अलग स्टेज पर स्टार्टअप को सपोर्ट करती है।
यह योजना 1 अप्रैल 2021 से शुरू हुई, इसकी निगरानी एक्सपर्ट एडवाइजरी कमिटी (EAC) करती है, जो फंड आवंटन के लिए इनक्यूबेटरों का मूल्यांकन और चयन करती है।
फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप स्कीम (FFS) की शुरुआत जून 2016 में ₹10,000 करोड़ के कोष के साथ हुई थी। FFS का उद्देश्य स्टार्टअप के लिए घरेलू पूंजी तक पहुंच को बढ़ावा देना है।
SIDBI द्वारा प्रबंधित, यह सेबी-रजिस्टर्ड अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) को फंड करता है, जो फिर इक्विटी और इक्विटी-लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए स्टार्टअप में निवेश करते हैं।
क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स (CGSS) अनुसूचित कमर्शियल बैंकों, NBFCs और वेंचर डेट फंड्स से DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को लोन के लिए क्रेडिट गारंटी देती है।
अटल इनोवेशन मिशन (AIM) को नीति आयोग द्वारा 2016 में शुरू किया गया, इसका उद्देश्य पूरे भारत में इनोवेशन और एंटरप्रेनॉरशिप को बढ़ावा देना है।
MeitY स्टार्टअप हब (MSH) का उद्देश्य टेक्नॉलजी इनोवेशन स्टेकहोल्डर्स को एकजुट करके और इनोवेशन और तकनीकी प्रगति के जरिए आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
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