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3 min read | अपडेटेड April 23, 2025, 09:39 IST
सारांश
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट e-Pay Tax सर्विस लेकर आया है, जिससे आपके लिए इनकम टैक्स भरना पहले से काफी आसान हो जाएगा। इस सर्विस को कैसे यूज कर सकते हैं और यह कैसे आपका काम आसान करेगी चलिए समझते हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने किया काम आसान, ई-पे टैक्स सर्विस कम करेगी मुश्किलें
नए फाइनेंशियल ईयर यानी कि 2025-26 का पहला महीना खत्म होने वाला है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यानी आयकर विभाग ने मंगलवार को कहा कि उसने टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स का भुगतान करना और भी आसान बना दिया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स भुगतान को आसान बनाने के लिए अपने आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल पर e-Pay Tax सुविधा शुरू कर दी है। इसके जरिए टैक्सपेयर्स आसानी से बिना ज्यादा झंझट के अपना इनकम टैक्स फाइल कर पाएंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने कहा कि ई-पे टैक्स सुविधा कर टैक्सपेयर्स के टैक्स ऑब्लिगेशन को बेहतर करने का एक बेहतर तरीका है।
सीबीडीटी ने एक बयान में कहा, ‘e-Pay Tax सुविधा टैक्सपेयर्स के टैक्स ऑब्लिगेशन को पूरा करने का बेहतर, आसान और एफिशिएंय तरीका है।’ बयान के अनुसार, बैंकों में लंबी कतारें, थकाऊ फॉर्म भरने के प्रोसेस और अंतिम समय में टैक्स पेमेंट की चिंता अब बीते दिनों की बात है। सरल और अधिक सुलभ पेमेंट तरीकों की जरूरत को समझते हुए और टैक्सपेयर्स को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल पर ‘ई-पे टैक्स' सुविधा शुरू की है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा, ‘यह सुविधा टैक्स पेमेंट प्रोसेस में समस्याओं को खत्म करके समय पर अनुपालन की संस्कृति को भी प्रोत्साहित करती है। यह टैक्स सिस्टम नागरिकों को करीब लाता है। खासकर व्यक्तियों और छोटे उद्यमियों लिए आसान डिजिटल मार्ग उपलब्ध कराती है।’
नई ई-पे टैक्स सर्विस के तहत, डायरेक्ट टैक्स के भुगतान से जुड़ी गतिविधियों की पूरी सीरीज, चालान (सीआरएन) बनाने से लेकर भुगतान करने और पेमेंट हिस्ट्री की रिकॉर्डिंग तक, अधिकृत बैंकों के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए सक्षम है। इस कार्यक्षमता के तहत फॉर्म 26QB/26QC/26QD/26QE दाखिल करना भी उपलब्ध है। टैक्सपेयर्स को इसमें नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, बैंक काउंटर पर भुगतान (ओवर द काउंटर) समेत पेमेंट के लिए कई तरह के तरीके दिए गए हैं। टैक्सपेयर्स को उन बैंकों के जरिए भुगतान करने के लिए RTGS/NEFT और पेमेंट गेटवे (नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और UPI) मोड का उपयोग करने का ऑप्शन भी दिया गया है, जो सीधे टैक्स जमा करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
इस कार्यक्षमता का उपयोग करके पेमेंट करने के लिए, ई-फाइलिंग पोर्टल की ई-पे टैक्स कार्यक्षमता पर चालान (CRN) बनाना अनिवार्य है। इसके अलावा, ई-फाइलिंग पोर्टल में CSI (चालान स्टेटस इंक्वायरी) सुविधा भी जोड़ी गई है। TAN उपयोगकर्ता प्री-लॉगिन में क्विक लिंक का उपयोग करके CSI फाइल डाउनलोड कर सकते हैं और वैकल्पिक रूप से, पोस्ट-लॉगिन में, उपयोगकर्ता CSI फाइल डाउनलोड टैब पर जा सकते हैं और ई-फाइलिंग पोर्टल पर ई-पे टैक्स सेवा के जरिए किए गए टैक्स भुगतान के लिए CSI फाइल डाउनलोड कर सकते हैं।
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