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4 min read | अपडेटेड December 05, 2025, 12:57 IST
सारांश
Home Loan: बाजार में पैसे की उपलब्धता बढ़ाने के लिए RBI ने 1 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड खरीदने (OMO) का फैसला किया है। इसके साथ ही $5 बिलियन का 3 साल का USD/INR स्वैप भी किया जाएगा। इन दोनों कदमों से बैंकिंग सिस्टम में तरलता यानी पैसा बढ़ेगा, जिससे बैंकों के लिए सस्ते लोन देना आसान होगा।

Home Loan: अगर आप EMI ज्यादा रखें और लोन अवधि घटाएं, तो फायदा ज्यादा होगा।
RBI ने बताया कि स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) अब 5% हो गई है, जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट 5.5% पर बने रहेंगे। साथ ही RBI का रुख (stance) अभी भी न्यूट्रल बना रहेगा। RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 3, 4 और 5 दिसंबर को हुई थी। इस बैठक में देश की अर्थव्यवस्था, महंगाई, ग्रोथ और लिक्विडिटी पर चर्चा की गई। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि सभी सदस्यों ने मिलकर सर्वसम्मति से ब्याज दर घटाने का फैसला लिया।
बाजार में पैसे की उपलब्धता बढ़ाने के लिए RBI ने 1 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड खरीदने (OMO) का फैसला किया है। इसके साथ ही $5 बिलियन का 3 साल का USD/INR स्वैप भी किया जाएगा। इन दोनों कदमों से बैंकिंग सिस्टम में तरलता यानी पैसा बढ़ेगा, जिससे बैंकों के लिए सस्ते लोन देना आसान होगा और इससे कारोबार और खपत को सपोर्ट मिलेगा। अब जब उधार लेने की लागत कम होने की उम्मीद है, तो कई लोगों के मन में सवाल है कि क्या होम लोन सस्ते हो जाएंगे?
HDFC Bank, ICICI Bank, State Bank of India (SBI) और Bank of Baroda जैसे बैंक 7.3-7.9 फीसदी की शुरुआती दरों पर होम लोन दे रहे हैं। RBI के नियम के मुताबिक सभी नए फ्लोटिंग रेट वाले रिटेल लोन (जैसे होम लोन) को किसी बाहरी बेंचमार्क से जोड़ना होगा, और ज्यादातर बैंकों के लिए यह बेंचमार्क रेपो रेट होता है। इसका मतलब यह है कि जब भी RBI ब्याज दर घटाता या बढ़ाता है, उसका असर सीधे और जल्दी ग्राहकों के लोन पर पड़ता है।
अब जब RBI ने रेपो रेट घटा दिया है, तो आपका होम लोन सस्ता होगा और आपकी EMI भी कम हो सकती है। लेकिन आमतौर पर बैंक अपने आप EMI कम नहीं करते, बल्कि EMI वही रखते हैं और लोन की अवधि (Tenure) घटा देते हैं।
मान लीजिए आपने 30 लाख रुपये का लोन 9% की ब्याज दर पर लिया है और आपकी लोन अवधि 15 साल (180 महीने) है। इस हिसाब से आपको हर महीने 30,428 रुपये की EMI चुकानी होगी। इसका मतलब है कि आपको बैंक को 15 साल में कुल 5477040 रुपये का भुगतान करना होगा, जिसमें 2477040 रुपये ब्याज है।
अब अगर बैंक भी RBI की तरह होम लोन की ब्याज दर 0.25 फीसदी घटा दे, तो आपकी ब्याज दर 9 फीसदी से घटकर 8.75 फीसदी हो जाएगी। इससे आपकी मासिक EMI घटकर 29,983 रुपये हो जाएगी, यानी पहले से 445 रुपये कम। इस तरह 20 साल में आपका कुल 5396940 रुपये का भुगतान करना होगा। इस तरह 20 साल में आपकी कुल बचत करीब 80100 रुपये होगी।
| विवरण | पहले (9% ब्याज दर) | बाद में (8.75% ब्याज दर) |
|---|---|---|
| लोन राशि | ₹30,00,000 | ₹30,00,000 |
| ब्याज दर | 9% | 8.75% |
| लोन अवधि | 20 साल (240 महीने) | 20 साल (240 महीने) |
| मासिक EMI | ₹30,428 | ₹29,983 |
| EMI में कमी | — | ₹445 कम |
| कुल भुगतान | ₹54,77,040 | ₹53,96,940 |
| कुल ब्याज | ₹24,77,040 | ₹23,96,940 |
| कुल बचत | — | लगभग ₹80,100 |
एक्सपर्ट्स का मानना है कि होम लोन लोगों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होता है। कम ब्याज का दौर इस बोझ को तेजी से घटा सकता है। अगर आप EMI ज्यादा रखें और लोन अवधि घटाएं, तो फायदा ज्यादा होगा। इससे ब्याज भी बचेगा और आपकी फाइनेंशियल फ्रीडम जल्दी मिलेगी। एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि जिन लोगों के पुराने होम लोन ज्यादा ब्याज पर चल रहे हैं, उनके लिए रेपो-लिंक्ड लोन पर स्विच करना फायदेमंद हो सकता है। इससे लंबे समय में ब्याज का बोझ कम किया जा सकता है।
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