पर्सनल फाइनेंस
3 min read | अपडेटेड February 21, 2025, 17:31 IST
सारांश
Employees State Insurance Scheme: महिला कर्मचारियों का नेट एनरोलमेंट दिसंबर, 2024 में 3.46 लाख रहा। वहीं, 73 लाख ट्रांसजेंडर कर्मचारियों का भी इस दौरान ESIC योजना के साथ जोड़ा गया था।
सरकार का कहना है कि सामाजिक सुरक्षा से हर तबके को जोड़ने की प्रतिबद्धता दिखाते हैं आंकड़े।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees State Insurance Corporation, ESIC) के पेरोल डेटा के मुताबिक दिसंबर, 2024 में 17.01 लाख नए कर्मचारी ESI योजना से जुड़े हैं। प्रविजनल डेटा के मुताबिक इसमें करीब 20% संख्या महिला कर्मचारियों की रही है। इसके अलावा ट्रांसजेंडर कर्मचारी भी इससे जुड़े हैं। ESIC की ओर से बीमारी के इलाज, इसके लिए जरूरी राशि और मैटरनिटी लीव जैसे फायदे दिए जाते हैं।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक 20,360 नए संस्थान ESI योजना के तहत सामाजिक सुरक्षा का फायदा लेने के लिए निगम से जुड़े हैं। इससे ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिल सकती है।
इस डेटा के मुताबिक दिसंबर में जुड़ने वाले 17.01 लाख कर्मचारियों में से 8.22 लाख कर्मचारी 25 साल की उम्र तक के थे। ये कुल कर्मचारियों की संख्या का 48.35% हिस्सा था।
इसके साथ ही पेरोल डेटा से यह जानकारी भी सामने आती है कि महिला कर्मचारियों का नेट एनरोलमेंट दिसंबर, 2024 में 3.46 लाख रहा। वहीं, 73 लाख ट्रांसजेंडर कर्मचारियों का भी इस दौरान ESIC योजना के साथ जोड़ा गया था। मंत्रालय ने कहा है कि यह ESIC के समाज के हर तबके को बेनिफिट्स पहुंचाने की प्रतिबद्धता दिखाता है।
ESI योजना के तहत कर्मचारियों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े फायदे मिलते हैं। कर्मचारियों को इसमें सिर्फ 0.75% योगदान देना होता है जबकि ऐसे दिहाड़ी मजदूर जिन्हें दिन में सिर्फ ₹176 मिलते हैं, उन्हें कोई योगदान नहीं देना होता है।
इससे पहले पिछले साल नवंबर में फैसला किया गया था कि ESIC की ही दूसरी सामाजिक सुरक्षा योजना, कर्मचारी डिपॉजिट लिंक्ड बीमा योजना (EDLI), 1976 के तहत 7 लाख तक का जीवन बीमा कवर दिया जाएगा।
EPFO का सदस्य बनने के साथ ही कर्मचारी इस बीमा योजना के सदस्य बन जाते हैं और इसके लिए उन्हें अलग से कोई प्रीमियम नहीं देना होता है। इस स्कीम में एम्पलॉयर पैसे जमा कराता है। प्रीमियम की राशि कर्माचारी की सैलरी का 0.5% होता है।
अगर नौकरी में रहते हुए कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को राशि मिल जाती है। इसके लिए अलग- अलग नियम बनाए गए हैं। जैसे कर्मचारी की नौकरी अगर एक साल से कम है तो EPF अकाउंट में मौजूद औसत के बराबर राशि मिल जाती है।
अगर यह औसत राशि ₹50 हजार से ज्यादा है तो नॉमिनी को ₹50 हजार प्लस ₹50 हजार की औसत से अधिक का 40% लेकिन एक लाख से कम मिल जाता है।
EPF सदस्य की ओर से एक नॉमिनी घोषित किया जाता है। EPF योजना 1952 के तहत नॉमिनेशन किया जाता है। अगर नॉमिनी को घोषित नहीं किया जाता तो किसी बीमा की राशि को परिवार के सदस्यों के बीच बराबर राशि में बांट दिया जाता है।
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