NPS vs UPS: कौन सा पेंशन सिस्टम है आपके लिए सही?

7 मार्च 2025

सभी तस्वीरें: Shutterstock

भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लॉन्च की। यह 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी और निश्चित पेंशन की गारंटी देती है।

UPS में रिटायरमेंट के बाद निश्चित मासिक पेंशन मिलेगी, जबकि NPS बाजार आधारित है और उसका रिटर्न इक्विटी और डेट मार्केट पर निर्भर करता है।

UPS में न्यूनतम ₹10,000 प्रति माह पेंशन की गारंटी है, बशर्ते कर्मचारी ने 10 साल या अधिक सेवा पूरी की हो।

UPS में कर्मचारी का योगदान 10% (मूल वेतन + महंगाई भत्ता) होगा और सरकार भी 10% का समान योगदान देगी। इससे कर्मचारी का व्यक्तिगत पेंशन फंड बढ़ेगा।

इसमें सरकार 8.5% अतिरिक्त योगदान देगी, जिससे पेंशन की गारंटी बनी रहे। यह राशि कर्मचारियों के कुल फंड में जोड़ी जाएगी और सुनिश्चित भुगतान में मदद करेगी।

UPS में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने पर पेंशन उसी उम्र से मिलेगी, जब कर्मचारी सामान्य रूप से रिटायर होता। कम सेवा अवधि पर पेंशन अनुपात में घटेगी।

UPS में रिटायरमेंट पर हर 6 महीने की सेवा के लिए 10% वेतन की एकमुश्त राशि भी मिलेगी। यह पेंशन पर असर नहीं डालेगी और अलग से कर्मचारी को दी जाएगी।

एक बार UPS चुनने के बाद कर्मचारी NPS में वापस नहीं जा सकता। इसलिए, निर्णय लेने से पहले फायदे और नुकसान को समझना जरूरी है।

UPS उन कर्मचारियों के लिए अच्छा विकल्प है, जो बाजार जोखिम से बचकर गारंटीड मासिक पेंशन चाहते हैं और अपने रिटायरमेंट को सुरक्षित बनाना चाहते हैं।