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3 min read | अपडेटेड March 20, 2025, 18:03 IST
सारांश
New TDS rules: केंद्र सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों और आम नागरिकों के लिए ब्याज आय पर टीडीएस (TDS) की सीमा बढ़ा दी है। इसका मकसद वरिष्ठ नागरिकों और मध्यम वर्ग को अधिक पैसे बचाने का मौका देना है। इसके साथ ही उनपर टैक्स का बोझ कम होगा, जो FD के ब्याज से अपनी आय चलाते हैं। यहां 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले प्रमुख बदलावों और इससे होने वाले फायदों की जानकारी दी गई है।
New TDS Rules From April 2025: इसका मकसद टैक्सपेयर्स, खास तौर पर सीनियर सिटीजन्स को फायदा पहुंचाना है।
केंद्र सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों और आम नागरिकों के लिए ब्याज आय पर टीडीएस (TDS) की सीमा बढ़ा दी है। इसका मकसद वरिष्ठ नागरिकों और मध्यम वर्ग को अधिक पैसे बचाने का मौका देना है। इसके साथ ही उनपर टैक्स का बोझ कम होगा, जो FD के ब्याज से अपनी आय चलाते हैं।
नए नियमों के तहत अब फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), रेकरिंग डिपॉजिट (RD) आदि से प्राप्त ब्याज पर टीडीएस तब कटेगा जब यह राशि ₹1 लाख से अधिक होगी। अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की ब्याज आय ₹1 लाख से कम है, तो बैंक कोई टीडीएस नहीं काटेगा।
आम नागरिकों के लिए पहले ब्याज आय पर टीडीएस की सीमा ₹40,000 थी, लेकिन इसे बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया गया है। अब अप्रैल 2025 से अगर किसी आम नागरिक की ब्याज आय ₹50,000 से कम है, तो बैंक कोई टीडीएस नहीं काटेगा। ₹50,000 से अधिक ब्याज होने पर टीडीएस काटा जाएगा।
सरकार ने लॉटरी जीत, क्रॉसवर्ड पज़ल्स और हॉर्स रेस बेट्स पर टीडीएस नियमों को सरल बना दिया है। पहले अगर किसी व्यक्ति की कुल जीत ₹10000 से अधिक होती थी, तो उस पर टीडीएस काटा जाता था, भले ही यह राशि कई छोटे हिस्सों में मिली हो। लेकिन अब नया नियम यह कहता है कि टीडीएस केवल तब कटेगा जब किसी सिंगल ट्रांजेक्शन में जीत ₹10000 से अधिक होगी।
उदाहरण के लिए, पहले अगर किसी ने तीन अलग-अलग बार ₹8,000-₹8,000 जीतकर कुल ₹24,000 कमाए होते, तो इस पर टीडीएस लागू होता। लेकिन नए नियम के तहत, चूंकि कोई भी व्यक्तिगत जीत ₹10,000 से अधिक नहीं है, इसलिए टीडीएस नहीं काटा जाएगा।
2025 के बजट में बीमा एजेंटों और ब्रोकर्स को राहत देने के लिए बीमा कमीशन पर टीडीएस की सीमा ₹15,000 से बढ़ाकर ₹20,000 कर दी गई है। यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। इसका उद्देश्य छोटे कमाई वालों के लिए टैक्स नियमों को आसान बनाना और उनके लिए कैश फ्लो बेहतर करना है।
म्यूचुअल फंड या शेयरों में निवेश करने वालों के लिए छूट की सीमा ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई है। यह छूट डिविडेंड और इनकम पर लागू होगी, जो म्यूचुअल फंड यूनिट्स या किसी विशेष कंपनी से अर्जित होती है।
2025 के बजट में डिविडेंड इनकम पर टीडीएस की सीमा ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई है। यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। अब शेयर और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए ₹10,000 तक की डिविडेंड इनकम पर कोई टीडीएस नहीं कटेगा। अगर डिविडेंड इनकम ₹10,000 से ज्यादा होगी, तभी टीडीएस काटा जाएगा। इससे निवेशकों को ज्यादा पैसा बचाने में मदद मिलेगी।
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