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3 min read | अपडेटेड February 10, 2025, 12:30 IST
सारांश
8th Pay Commission Terms of Reference: नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी के स्टाफ साइड के साथ बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है कि 8वें वेतन आयोग के लिए सैलरी, पेंशन किस आधार पर तय होगा।
सरकार ने बजट के पहले किया था 8वां वेतन आयोग गठन करने का ऐलान।
8वां केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) किस आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन और दूसरे बेनिफिट तय करेगा, इसे लेकर एक अहम बैठक सोमवार, 10 फरवरी को होने जा रही है। नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (National Council for Joint Consultative Machinery, NC JCM) की स्टैंडिंग कमिटी के स्टाफ साइड के साथ कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training, DoPT) ने यह बैठक बुलाई है।
विभाग के मुताबिक इस बैठक में 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (Terms of Reference) को लेकर चर्चा की जाएगी। इस पर NC-JCM ने सुझाव सरकार को भेजे थे। संगठन ने सरकार के साथ बैठक के पहले सोमवार को एक आंतरिक बैठक भी की जिसमें इससे जुड़े अजेंडा पर चर्चा की गई।
JCM ने सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में मौजूदा भुगतान के ढांचे के रिव्यू, रिटायरमेंट बेनिफिट्स, डिग्निफाइड लिविंग वेज (dignified living wage) के सिद्धातों और 7वें वेतन आयोग में रह गईं कमियों को दूर करने की मांग की थी। इसके अलावा अलग-अलग पे-स्केल्स को एक में मिलाने, पारिवारिक पेंशन में बदलाव की मांग भी सामने रखी गई थी।
वित्तीय भुगतान के अलावा रेलवे कर्मचारियो, डिफेंस सिविलियन कर्मचारियों के सामने ड्यूटी के वक्त आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखने की गुजारिश भी कई गई थी। इसमें कहा गया था कि डिफेंस सिविलियन कर्मचारी जो हथियार, केमिकल, बारूद, ऐसिड बनाने का काम करते हैं, उनके खतरों को समझा जाए और स्पेशल रिस्क अलाउएंस, बीमा कवर, मुआवजा वगैरह दिया जाए।
इसके पहले राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताय थाा कि सरकार ने आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है और इससे जुड़े दूसरे पहलुओं के बारे में भी निर्णय जल्द ही किया जाएगा। उन्होंने बताया था कि 8वें वेतन आयोग के नोटिफिकेशन, चेयरपर्सन की नियुक्ति और कार्यवाही से लेकर रिपोर्ट तक की समयसीमा को लेकर फैसले अपने समय पर किए जाएंगे।
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों की उम्मीद है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को 1.92-2.08 की रेंज में बढ़ाया जा सकता है। फिटमेंट फैक्टर एक मल्टिप्लायर है जिसका इस्तेमाल वेतन आयोग के प्रस्ताव पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को रिवाइज करने में किया जाता है।
अगर इसे 1.92-2.08 की रेंज में बढ़ाया जाता है तो एक केंद्रीय कर्मचारी की न्यूनतम सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹34,560 या ₹37,440 तक जा सकती है।
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