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Income Tax Returns: पहली बार भरने जा रहे हैं ITR? इन 5 बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 17, 2025, 13:20 IST

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सारांश

Income Tax Returns: पहली बार ITR फाइल करने वाले लोगों को दो टैक्स सिस्टम (पुराना और नया) में से किसी एक को चुनना होगा। साथ ही, उन्हें अपना PAN और आधार कार्ड लिंक करना होगा ताकि ई-वेरिफिकेशन किया जा सके। यहां फर्स्ट टाइम टैक्सपेयर्स के लिए 5 जरूरी सुझाव दिए गए हैं।

Income Tax Returns: इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय यह ज़रूरी होता है कि आप अपनी हर तरह की आय का स्रोत बताएं

Income Tax Returns: इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय यह ज़रूरी होता है कि आप अपनी हर तरह की आय का स्रोत बताएं

Income Tax Returns: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस महीने की शुरुआत में AY2025-26 के लिए अपना पोर्टल खोला। इसके साथ ही टैक्सपेयर्स के लिए ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने का रास्ता साफ हो गया। अगर आप पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसमें कई नियम और बारीकियां हैं जिनका पालन नहीं करने पर आपका ITR फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है।

टैक्स डिपार्टमेंट ने सात अलग-अलग फॉर्म दिए हैं जो आपकी इनकम सोर्स, रकम और अन्य बातों पर निर्भर करते हैं। पहली बार ITR फाइल करने वाले लोगों को दो टैक्स सिस्टम (पुराना और नया) में से किसी एक को चुनना होगा। साथ ही, उन्हें अपना PAN और आधार कार्ड लिंक करना होगा ताकि ई-वेरिफिकेशन किया जा सके। यहां फर्स्ट टाइम टैक्सपेयर्स के लिए 5 जरूरी सुझाव दिए गए हैं।

इनकम सोर्स और जरूरी डॉक्यूमेंट्स

इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय यह ज़रूरी होता है कि आप अपनी हर तरह की आय का स्रोत बताएं, चाहे आपकी कुल कमाई टैक्स सीमा से कम ही क्यों न हो। टैक्स भरने से पहले आपको सभी ज़रूरी दस्तावेज़ जैसे PAN और आधार कार्ड तैयार रखने होंगे। नौकरीपेशा लोगों को अपने नियोक्ता से फॉर्म 16 और सैलरी स्लिप लेनी होती है। इसके अलावा, बैंक ब्याज प्रमाण पत्र, पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन) का विवरण और किराये से हुई आय के रिकॉर्ड भी ज़रूरी होते हैं।

अपना टैक्स रिजीम चुनें

टैक्स भरते समय आपको पुराने और नए टैक्स सिस्टम में से किसी एक को चुनना होता है। पुराने सिस्टम में ज़्यादा छूट और कटौतियों की सुविधा है, जबकि नए सिस्टम में टैक्स दरें कम होती हैं लेकिन छूट सीमित होती है। इसलिए, टैक्स भरने से पहले अपनी ज़रूरतों के अनुसार दोनों सिस्टम की तुलना करके समझदारी से फैसला लेना चाहिए।

डिडक्शन और छूट को जांच लें

पहली बार टैक्स भरने वालों के लिए यह ज़रूरी है कि वे यह जांच लें कि उन्हें कौन-कौन सी छूट और टैक्स में छूट मिल सकती है। फॉर्म भरते समय सेक्शन 80C, 80D और 80E के अंतर्गत मिलने वाली छूटों को ध्यान में रखना चाहिए। नौकरीपेशा लोग हाउस रेंट अलाउंस (HRA), यात्रा भत्ता आदि पर पूरी या आंशिक टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। स्रोत पर काटे गए टैक्स की जानकारी फॉर्म 16 और 16A में मिलती है।

सही ITR फॉर्म का चुनाव करना जरूरी

टैक्स रिटर्न भरते समय सही ITR फॉर्म का चुनाव करना ज़रूरी है, जो आपकी आय के प्रकार पर आधारित होता है। हर आय और खर्च को सही तरीके से दर्ज करें, जो किसी कटौती या छूट के लिए योग्य हो, और सब कुछ जमा करने से पहले दोबारा अच्छे से जांच लें। गलत जानकारी या मेल न खाने वाली जानकारी की वजह से फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है।

डेडलाइन का ध्यान रखें और ई-वेरिफिकेशन करें

टैक्स भरने की आखिरी तारीख का ध्यान रखें और ई-वेरिफिकेशन ज़रूर करें। आकलन वर्ष 2025-26 के लिए टैक्स रिटर्न 31 जुलाई तक भरे जा सकते हैं। इनकम टैक्स विभाग यह मांग करता है कि रिटर्न भरने की तारीख से 30 दिनों के अंदर ई-वेरिफिकेशन किया जाए। ई-वेरिफिकेशन के ज़रिए टैक्सपेयर्स यह पुष्टि करते हैं कि उन्होंने जो इनकम टैक्स रिटर्न भरा है, वह सही है।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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