पर्सनल फाइनेंस
3 min read | अपडेटेड April 28, 2025, 12:56 IST
सारांश
TDS किसी फाइनेंशियल ईयर में ज्यादा कटा है, तो इसका पता कैसे लगाएं और कैसे जल्द से जल्द एक्स्ट्रा कटे हुए टीडीएस का रिफंड हासिल करें? चलिए समझते हैं कैसे पता कर सकते हैं कि आपका कटा टीडीएस सही है या फिर ज्यादा कटा है?
टीडीएस अगर एक्स्ट्रा कट गया, तो कैसे हासिल करें रिफंड
Tax deducted at source (TDS) यानी कि स्रोस पर टैक्स कटौती इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा इनकम जनरेशन के समय टैक्स कलेक्शन करने का एक अहम मेकैनिज्म है। यह टैक्स कैलकुलेशन प्रोसेस को सरल बनाने में अहम रोल निभाता है, लेकिन कई बार कैलकुलेशन में गड़बडी के चलते आपका TDS ज्यादा भी कट सकता है। टीडीएस वह अमाउंट है जो टैक्सपेयर्स द्वारा सैलरी, ब्याज या प्रोफेशनल फीस जैसे कुछ पेमेंट्स करते समय काटा जाता है। काटा गया टैक्स सरकार द्वारा निर्धारित टैक्स स्लैब के आधार पर होता है। कभी-कभी, गलत कैलकुलेशन के कारण, टैक्सपेयर्स का जरूरत से ज्यादा टीडीएस कट सकता है। आपका टीडीएस सही कटा है या ज्यादा, कब तक आपको इसका रिफंड मिल सकता है, चलिए ऐसे ही सवालों के जवाब हम आपको देते हैं। इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट है, जहां से आप आसानी से अपना टीडीएस कैलकुलेट कर सकते हैं और इसका पता लगा सकते हैं कि आपका टीडीएस सही कटा है या फिर ज्यादा? इसके अलावा आप इसी वेबसाइट के जरिए अपना रिफंड भी क्लेम कर सकते हैं।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करनाः टीडीएस रिफंड क्लेम करने सा पहला कदम संबंधिक फाइनेंशियल ईयर के लिए अपना आईटीआर यानी कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना है। आईटीआर फॉर्म में आपको पहले से काटे गए टीडीएस की डिटेल और कुल टैक्स की डिटेल देनी होगी। फॉर्म-16 या फॉर्म 26AS के मुताबिक सटीक डिटेल्स देना सुनिश्चित करें।
टीडीएस रिफंड के लिए क्या कोई खास फॉर्म की जरूरत होती है? इसका जवाब है नहीं, टीडीएस रिफंड क्लेम करने के लिए आपको कोई अलग फॉर्म देने की जरूरत नहीं है। एक बार जब आप इनकम और एडवांस टैक्स पेमेंट की डिटेल्स डालेंगे तो आपको एक्स्ट्रा टीडीएस ऑटोमेटिकली आईटीआर फाइलिंग में दिखाई देगा। इनकम टैक्स कंप्यूटेशन सेक्शन दिखाएगा कि क्या कोई रिफंड देना है? यहां आपको समझ आ जाएगा कि आपका कितना एक्स्ट्रा टीडीएस काटा गया है।
इसके बाद जब आईटीआर आप फाइल कर लेंगे, और यह एक्सेप्ट कर लिया जाएगा, तो रिफंड प्रोसेस शुरू हो जाता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सारी इंफॉर्मेशन को वेरिफाई करेगा और अगर सबकुछ सही पाया जाता है, तो ऐसे में आपका रिफंड इनिशिएट कर दिया जाएगा।
एक बार अगर आपका रिफंड इनिशिएट हो जाता है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट पर आप इसका स्टेटस भी चेक कर सकते हैं। अगर आपका रिफंड आने में देरी हो रही है या फिर प्रोसेस होने के बाद यह किसी कारण से रिजेक्ट होता है, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसको लेकर सूचित करेगा। देरी या रिजेक्शन का कारण भी आपको बताया जाएगा। अगर इन जानकारियों से आप संतुष्ट नहीं होते हैं, तो आप ऑनलाइन पोर्टल के लिए इसको लेकर पूछताछ कर सकते हैं।
संबंधित समाचार
लेखकों के बारे में
अगला लेख