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4 min read | अपडेटेड April 19, 2025, 08:32 IST
सारांश
Gold vs Silver: 2025 में सोने-चांदी की कीमत में शानदार बढ़त दर्ज की गई है। 1 जनवरी से अब तक 10 ग्राम 24k सोने का भाव 76,162 रुपए से 18748 रुपए बढ़कर 95,207 रुपए पर पहुंच गया। इसके अलावा, चांदी का भाव भी 9,134 रुपए बढ़ गया।
Gold Price: पिछले एक साल में सोने की कीमत करीब 39 फीसदी बढ़ी है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार की बात करें तो सोने की कीमत 3327.11 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर है। वहीं, चांदी वर्तमान में 32.54 डॉलर प्रति औंस के आसपास आ गया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की कीमतों में तेज उछाल के बीच निवेशकों को चांदी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
पिछले एक साल में सोने की कीमत करीब 39 फीसदी बढ़ी है। जबकि चांदी में लगभग 13% की वृद्धि हुई है। यहां हमने चार्ट के जरिए इसकी तुलना की है।
पहलू | गोल्ड (Gold) | सिल्वर (Silver) |
---|---|---|
1 साल पहले की कीमत | $2,390.70 | $26.34 |
अभी की कीमत | $3,316.05 | $32.50 |
कुल बढ़त (USD) | $926.07 | $6.16 |
प्रतिशत रिटर्न | 38.75% | 13.37% |
परफॉर्मेंस | बहुत शानदार | ठीक-ठाक |
इस साल यानी 2025 में भी सोने-चांदी की कीमत में शानदार बढ़त दर्ज की गई है। 1 जनवरी से अब तक 10 ग्राम 24k सोने का भाव 76,162 रुपए से 18748 रुपए बढ़कर 95,207 रुपए पर पहुंच गया। इसके अलावा, चांदी का भाव भी 9,134 रुपए बढ़ गया। यह 86,017 रुपए प्रति किलो से 95,151 रुपए पर पहुंच गया है।
गोल्ड-सिल्वर रेश्यो 100 तक पहुंच गया है, जो हाल के वर्षों में देखे गए उच्चतम स्तरों में से एक है। इसका मतलब है कि सोने की तुलना में चांदी का मूल्य काफी कम है। गोल्ड-सिल्वर रेश्यो एक फाइनेंशियल टूल है जो बताता है कि एक औंस गोल्ड खरीदने के लिए कितने औंस सिल्वर की जरूरत है।
इसे इस तरह समझ सकते हैं-
उदाहरण के लिए अभी गोल्ड का रेट 3327.11 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस और चांदी 32.54 डॉलर प्रति औंस के आसपास है।
तो रेशियो होगा: 3327.11 ÷ 32.54 = 102.24
मतलब 1 औंस गोल्ड खरीदने के लिए 102.24 औंस सिल्वर चाहिए। ऐतिहासिक रूप से यह रेश्यो औसतन 60 से 70 के बीच रहा है। जब गोल्ड-सिल्वर रेशियो ऊंचा होता है, तो इसका मतलब होता है कि सोना चांदी के मुकाबले ज्यादा महंगा हो गया है।
अभी सोने की कीमतों में तेजी कई कारणों से देखी जा रही है – जैसे कि सेंट्रल बैंकों द्वारा सोना खरीदना, महंगाई को लेकर डर, जियो पॉलिटिकल टेंशन, और कमजोर होता अमेरिकी डॉलर। इसके अलावा, गोल्ड ETF में भी निवेश लगातार बढ़ रहा है और 2025 तक इसमें 450 मीट्रिक टन की मांग अनुमानित है।
दूसरी तरफ, चांदी की कीमतें उतनी नहीं बढ़ पाई हैं क्योंकि इसकी मांग उद्योगों, इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर एनर्जी से जुड़ी होती है। वैश्विक मंदी या ग्रोथ को लेकर चिंता इसे प्रभावित करती है। इस कारण गोल्ड-सिल्वर रेशियो ऐतिहासिक रूप से काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है।
अगर निवेशक कीमती धातुओं में निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड-सिल्वर रेशियो को ध्यान में रखना एक अच्छा तरीका हो सकता है। जब यह रेशियो ऊंचा होता है, तो चांदी में निवेश करने का अच्छा मौका हो सकता है, खासकर मध्यम से लंबी अवधि के नजरिए से।
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