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  1. Small-Mid-Large नहीं... इस कैटेगरी के फंड के दीवाने हुए निवेशक, AUM ₹80.80 लाख करोड़ के पार

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Small-Mid-Large नहीं... इस कैटेगरी के फंड के दीवाने हुए निवेशक, AUM ₹80.80 लाख करोड़ के पार

विकास तिवारी

3 min read | अपडेटेड December 11, 2025, 12:51 IST

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सारांश

AMFI Data: नवंबर महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 21 फीसदी बढ़कर 29,911 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि, एसआईपी के जरिए आने वाले निवेश में मामूली गिरावट आई है। डेट फंड्स से भारी निकासी देखी गई है, जबकि स्मॉल और मिड कैप फंड्स में निवेशकों का भरोसा कायम है।

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नवंबर में इक्विटी म्यूचुअल फंड में जोरदार वापसी, निवेश 21 फीसदी बढ़ा।

म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए नवंबर का महीना काफी शानदार रहा है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश में जबरदस्त उछाल आया है। नवंबर 2025 में इक्विटी फंड्स में शुद्ध निवेश 21 फीसदी बढ़कर 29,911 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह आंकड़ा इसलिए भी अहम है क्योंकि पिछले तीन महीनों से इक्विटी निवेश में लगातार गिरावट देखी जा रही थी। अक्टूबर में यह आंकड़ा 24,690 करोड़ रुपये था।

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फ्लेक्सी कैप फंड्स बने पहली पसंद

निवेशकों ने सबसे ज्यादा भरोसा फ्लेक्सी कैप फंड्स पर दिखाया है। इस कैटेगरी में सबसे ज्यादा 8,135 करोड़ रुपये का निवेश आया, हालांकि यह अक्टूबर के मुकाबले थोड़ा कम है। इसके अलावा लार्ज और मिड कैप फंड्स में भी अच्छी खरीदारी देखी गई, जहां निवेश 42 फीसदी बढ़कर 4,503 करोड़ रुपये हो गया। मिड कैप फंड्स में 4,486 करोड़ रुपये और स्मॉल कैप फंड्स में 4,406 करोड़ रुपये का निवेश आया। इससे साफ है कि बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशक छोटे और मझोले शेयरों पर भरोसा बनाए हुए हैं।

एसआईपी में मामूली गिरावट

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की रीढ़ माने जाने वाले सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के आंकड़ों में थोड़ी नरमी देखने को मिली है। नवंबर में एसआईपी के जरिए कुल 29,445 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो अक्टूबर के 29,529 करोड़ रुपये से थोड़ा कम है। भले ही इसमें मामूली गिरावट आई हो, लेकिन यह आंकड़ा अभी भी काफी मजबूत माना जा रहा है। यह दिखाता है कि खुदरा निवेशक बाजार में नियमित रूप से पैसा लगा रहे हैं।

डेट फंड्स से निकला पैसा

जहां एक तरफ शेयर बाजार वाले फंड्स में पैसा आया, वहीं सुरक्षित माने जाने वाले डेट फंड्स से निवेशकों ने पैसा निकाला है। नवंबर में डेट म्यूचुअल फंड्स से कुल 25,692 करोड़ रुपये की निकासी हुई। इसके उलट, अक्टूबर में इस कैटेगरी में 1.59 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश आया था। लिक्विड फंड्स से भी करीब 14,000 करोड़ रुपये निकाले गए।

गोल्ड ईटीएफ और कुल एयूएम

सोने की चमक भी नवंबर में थोड़ी फीकी रही। गोल्ड ईटीएफ में निवेश घटकर 3,741 करोड़ रुपये रह गया, जो अक्टूबर में इससे काफी ज्यादा था। हालांकि, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) बढ़कर 80.80 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक स्तर को पार कर गया है।

इक्विटी फंड में बढ़ा निवेश का क्या है मतलब?

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के प्रिंसिपल रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने इन आंकड़ों पर अपनी राय रखते हुए कहा कि चार महीने की गिरावट के बाद इक्विटी इनफ्लो का बढ़ना निवेशकों के मजबूत भरोसे को दिखाता है। उन्होंने बताया कि निवेशक अब मल्टीकैप, लार्ज एंड मिडकैप और फ्लेक्सीकैप जैसे डाइवर्सिफाइड फंड्स को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं ताकि जोखिम कम हो सके। हालांकि, उन्होंने एक अहम बात यह भी कही कि सेक्टोरल और थीमेटिक फंड्स में जो 1,865 करोड़ का निवेश दिखा है, वह मुख्य रूप से चार नए फंड ऑफर्स (NFO) की वजह से है। अगर एनएफओ को हटा दें, तो इस कैटेगरी से असल में पैसा बाहर गया है।

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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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