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3 min read | अपडेटेड April 17, 2025, 12:06 IST
सारांश
8th Pay Commission औपचारिक रूप से पूर्ण बीमा-आधारित स्कीम का सुझाव देने वाला पहला आयोग हो सकता है, क्योंकि इसे विकसित करने से सरकार का प्रशासनिक बोझ कम होगा और कर्मचारियों तक अधिक पहुंच होगी।
8वें वेतन आयोग में नई हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम ला सकती है केंद्र सरकार
अगले साल 8वां वेतन आयोग लागू हो सकता है। केंद्र सरकार 1 जनवरी 2026 तक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वां केंद्रीय वेतन आयोग लागू करने की उम्मीद कर रही है, भले ही आयोग का अभी तक आधिकारिक रूप से गठन नहीं हुआ है। आने वाले 8वें वेतन आयोग से मौजूदा सैलरी और पेंशन स्ट्रक्चर की समीक्षा करने और ऐसी सिफारिशें पेश करने की उम्मीद है, जिनके जरिए पूरे भारत में लाखों केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को फाइनेंशियल लाभ मिल सके, हालांकि कोई औपचारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है। मीडिया रिपोर्ट और इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों का सुझाव है कि तैयारी की कोशिशें तेज हो रही हैं। सरकारी कर्मचारियों ने पहले ही सरकार से अनुकूल फिटमेंट फैक्टर पर विचार करने का अनुरोध करना शुरू कर दिया है, जिसका सीधा असर उनकी सैलरी पर पड़ेगा।
टाइम्स नाऊ की खबर के मुताबिक सबसे अहम प्रत्याशित सुधारों में से एक केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) यानी कि सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम से जुड़ी है, जो कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों के लिए एक लंबे समय से चले आ रहे मेडिकल बेनिफिट्स प्रोग्राम है। तेलुगु और हिंदी रीजनल प्रेस में कई रिपोर्टों के मुताबिक, केंद्र सरकार CGHS को केंद्र सरकार कर्मचारी और पेंशनभोगी स्वास्थ्य बीमा योजना (CGEPHIS) यानी कि सेंट्रल एम्प्लॉईज एंड पेंशनर्स हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम नाम से एक नए स्वास्थ्य बीमा मॉडल से बदल सकती है।
इंडियन इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) यानी कि भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण से CGEPHIS को लागू करने में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है, जिसे चुनिंदा IRDAI-लाइसेंस प्राप्त बीमा कंपनियों के जरिए प्रशासित किया जा सकता है। जबकि CGHS दशकों से डिफॉल्ट स्वास्थ्य कवरेज रहा है - 5वें, 6वें और 7वें वेतन आयोगों द्वारा लगातार इसकी सिफारिश की गई है - प्रस्तावित CGEPHIS प्राइवेट हॉस्पिटलों में भी व्यापक और संभावित रूप से कैशलेस कवरेज देने के लिए कहा जाता है।
छठे वेतन आयोग ने शुरू में नए कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से बीमा मॉडल के तहत शामिल करने की सिफारिश की थी। सातवें वेतन आयोग ने भी इसको दोहराया और कम विकसित क्षेत्रों में CGHS से जुड़े अस्पतालों को विस्तारित करने की सिफारिश की। 8वां वेतन आयोग औपचारिक रूप से पूर्ण बीमा-आधारित स्कीम का सुझाव देने वाला पहला आयोग हो सकता है, क्योंकि इसे विकसित करने से सरकार का प्रशासनिक बोझ कम होगा और कर्मचारियों तक अधिक पहुंच होगी। सुचारु एनरोलमेंट और क्लेम के प्रोसेस सुनिश्चित करने के लिए सेबी-प्रकार के विनियामक ढांचे पर भी विचार किया जा रहा है। अभी तक, स्वास्थ्य मंत्रालय या कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा CGEPHIS पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
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