पर्सनल फाइनेंस
3 min read | अपडेटेड April 12, 2025, 08:06 IST
सारांश
Indian Bank ने 11 अप्रैल से अपनी रेपो लिंक्ड बेंचमार्क लेंडिंग रेट (RBLR) को 9.05% से घटाकर 8.70% कर दिया है। UCO Bank ने भी अपनी रेपो-लिंक्ड रेट्स को कम किया है, जिससे कई लोन प्रोडक्ट्स के लिए बेंचमार्क के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली यूको फ्लोट रेट 10 अप्रैल से 8.80% हो गई है।
बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने गुरुवार को अपने एक्सटर्नल बेंचमार्क-लिंक्ड लेंडिंग रेट्स में 25 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की है। RBI ने इसे 6.25 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया है। इसके बाद पांच प्रमुख सरकारी बैंकों ने भी लोन की ब्याज दरों में कटौती का निर्णय लिया है। इनमें पंजाब नेशनल बैंक (PNB), Indian Bank, UCO Bank, बैंक ऑफ इंडिया (BOI) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) शामिल हैं। बैंकों के इस कदम से रिटेल और MSME लोन पर कम EMI के साथ बॉरोअर्स पर वित्तीय बोझ कम होने की उम्मीद है।
बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने गुरुवार को अपने एक्सटर्नल बेंचमार्क-लिंक्ड लेंडिंग रेट्स में 25 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की है। नई दरें रिटेल और MSME सेक्टर्स को दिए जाने वाले लोन पर लागू होंगी।
हालांकि, बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में कोई बदलाव नहीं किया है। पर्सनल और ऑटो लोन के प्राइसिंग के लिए एक प्रमुख बेंचमार्क, वन ईयर MCLR 9% पर बना हुआ है।
पीएनबी ने अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 9.10% से बदलकर 8.85% कर दिया है, जो 10 अप्रैल 2025 से लागू हो गई है। वहीं, MCLR और बेस रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इंडियन बैंक ने 11 अप्रैल से अपनी रेपो लिंक्ड बेंचमार्क लेंडिंग रेट (RBLR) को 9.05% से घटाकर 8.70% कर दिया है। यूको बैंक ने भी अपनी रेपो-लिंक्ड रेट्स को कम किया है, जिससे कई लोन प्रोडक्ट्स के लिए बेंचमार्क के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली यूको फ्लोट रेट 10 अप्रैल से 8.80% हो गई है। MCLR, TBLR और बेस रेट्स सहित अन्य बेंचमार्क दरों को बरकरार रखा गया है।
आरबीआई की रेपो दर में कटौती के बाद बैंक ऑफ इंडिया ने 9 अप्रैल से अपने RBLR को 9.10% से बदलकर 8.85% कर दिया।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती का फैसला लिया है, जिससे यह नवंबर 2022 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने यह भी बताया कि अब पॉलिसी का रुख "न्यूट्रल" से बदलकर "अकोमोडेटिव" कर दिया गया है, यानी आने वाले समय में और भी दरों में कटौती संभव है। इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर और उपभोक्ताओं को उधार लेने में आसानी होगी, जिससे होम लोन जैसी चीज़ों पर EMI कम हो सकती है।
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