पर्सनल फाइनेंस
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4 min read | अपडेटेड December 09, 2025, 17:32 IST
सारांश
अगर आपकी कमाई अच्छी है फिर भी बैंक लोन नहीं दे रहा, तो इसकी वजह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में छिपी गलतियां हो सकती हैं। पैन कार्ड की डिटेल मैच न होना या चुकाई गई ईएमआई का डिफॉल्ट दिखना आपके सिबिल स्कोर को खराब कर देता है।

क्रेडिट रिपोर्ट में नाम या पते की छोटी-सी गलती भी आपके लोन एप्लीकेशन को रिजेक्ट करवा सकती है।
आज के दौर में घर खरीदना हो या गाड़ी, लोन हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है। कई बार ऐसा होता है कि आपकी सैलरी अच्छी है, दस्तावेज पूरे हैं, लेकिन फिर भी बैंक आपका लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट कर देता है। इसकी सबसे बड़ी वजह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में छिपी वो गलतियां होती हैं, जिनके बारे में आपको पता भी नहीं होता। बैंक लोन देने से पहले आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खंगालते हैं और अगर वहां कोई विसंगति मिलती है, तो वे जोखिम नहीं लेते। अगर आप लोन लेने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको क्रेडिट रिपोर्ट से जुड़ी इन 5 आम गलतियों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए और समय रहते उन्हें सुधार लेना चाहिए।
सबसे पहली और सबसे आम गलती आपकी निजी जानकारी से जुड़ी होती है। क्रेडिट रिपोर्ट में आपके नाम की स्पेलिंग में गलती, पुराना पता या पैन कार्ड की जानकारी का मैच न होना एक बड़ी समस्या है। कई बार बैंक के रिकॉर्ड में आपका नाम अलग होता है और क्रेडिट ब्यूरो के पास अलग। ऐसी गलतियों की वजह से आपकी पहचान किसी और कर्जदार के साथ मिक्स हो सकती है या आइडेंटिटी ओवरलैप की समस्या आ सकती है। बैंक इसे केवाईसी नियमों का उल्लंघन मानकर लोन देने से मना कर देते हैं। इसलिए सबसे पहले चेक करें कि आपका नाम, पता और जन्मतिथि हर जगह एक जैसी हो।
दूसरी बड़ी गलती आपकी रीपेमेंट हिस्ट्री यानी किस्त चुकाने के रिकॉर्ड में होती है। मान लीजिए आपने अपनी ईएमआई समय पर चुका दी थी, लेकिन बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को समय पर अपडेट नहीं भेजा। इसका नतीजा यह होता है कि आपकी रिपोर्ट में वह भुगतान देरी से किया हुआ या डिफॉल्ट के रूप में दिखता है। समय पर पैसा चुकाने के बावजूद अगर रिपोर्ट में देरी दिख रही है, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को कई पॉइंट नीचे गिरा देता है। लोन देने वाले संस्थान इसे वित्तीय अनुशासनहीनता मानते हैं।
तीसरी गलती अक्सर उन लोगों के साथ होती है जिन्होंने अपना पुराना लोन बंद कर दिया है। आपने लोन का पूरा पैसा चुका दिया और बैंक से एनओसी भी ले ली, लेकिन क्रेडिट रिपोर्ट में वह लोन अब भी एक्टिव यानी चालू दिख रहा है। यह एक तकनीकी खामी हो सकती है। जब कोई लोन एक्टिव दिखता है, तो बैंक को लगता है कि आप पर पहले से ही कर्ज का बोझ है। इससे आपकी क्रेडिट यूटिलाइजेशन लिमिट बढ़ी हुई दिखती है और बैंक को लगता है कि आप ओवरलीवरेज्ड हैं यानी आपकी कमाई का बड़ा हिस्सा कर्ज चुकाने में जा रहा है।
चौथी गलती बेहद गंभीर है और यह रिपोर्टिंग एरर या धोखाधड़ी का संकेत हो सकती है। कई बार एक ही लोन आपके नाम पर दो बार चढ़ जाता है, जिसे डुप्लिकेट अकाउंट कहते हैं। इससे आपका कुल कर्ज दोगुना दिखने लगता है। इसके अलावा कई बार ऐसे लोन अकाउंट भी रिपोर्ट में दिखते हैं जो आपने कभी लिए ही नहीं। यह पहचान की चोरी यानी आइडेंटिटी थेफ्ट का मामला हो सकता है। अगर आपको अपनी रिपोर्ट में कोई ऐसा अनजान लोन दिखे, तो तुरंत क्रेडिट ब्यूरो और संबंधित बैंक को इसकी सूचना दें।
पांचवीं गलती आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट या अकाउंट स्टेटस से जुड़ी होती है। कई बार बैंक क्रेडिट ब्यूरो को आपकी बढ़ी हुई क्रेडिट लिमिट की जानकारी नहीं देते। कम लिमिट और ज्यादा खर्च दिखने से आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो खराब हो जाता है। इसके अलावा, कई बार सेटल किए गए अकाउंट को क्लोज्ड के बजाय रिटन-ऑफ दिखा दिया जाता है, जो नेगेटिव माना जाता है।
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