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  1. Wakefit IPO Open: नींद का सौदागर बनेगा शेयर बाजार का नया खिलाड़ी, यहां समझिए कंपनी का पूरा बिजनेस

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Wakefit IPO Open: नींद का सौदागर बनेगा शेयर बाजार का नया खिलाड़ी, यहां समझिए कंपनी का पूरा बिजनेस

विकास तिवारी

3 min read | अपडेटेड December 08, 2025, 11:25 IST

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सारांश

नींद बेचने वाली कंपनी वेकफिट अब शेयर बाजार में निवेशकों को जगाने आ रही है। अपने अनोखे मार्केटिंग आइडिया और ऑनलाइन गद्दे बेचने के मॉडल से मशहूर हुई यह कंपनी अब आईपीओ की कतार में है। जानिए कैसे एक स्टार्टअप ने पुराने दिग्गजों की नींद उड़ाई और अब पब्लिक से पैसा मांग रही है।

Wakefit is India's largest D2C home and furnishings company in terms of revenue in the financial year 2023-24, according to the Redseer Report.

Wakefit is India's largest D2C home and furnishings company in terms of revenue in the financial year 2023-24, according to the Redseer Report.

अक्सर हम सुनते हैं कि लोग अपना पैसा "गद्दे के नीचे" छुपाकर रखते हैं, लेकिन अब वक्त आ गया है कि पैसा गद्दे के नीचे नहीं, बल्कि गद्दे बनाने वाली कंपनी के ऊपर लगाया जाए। जी हां, भारत के लोगों को सुकून की नींद बेचने वाली कंपनी 'वेकफिट इनोवेशन' (Wakefit) अब शेयर बाजार का दरवाजा खटखटा रही है। यह आईपीओ सिर्फ एक कंपनी की लिस्टिंग नहीं है, बल्कि यह उस नए भारत की कहानी है जहां 'नींद' भी एक करोड़ों का कारोबार बन चुकी है।

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नींद के कारोबार में 'जागते रहो'

वेकफिट की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। जब बाजार में स्लीपवेल और रबरन जैसे पुराने दिग्गजों का कब्जा था, तब इस कंपनी ने एक ऐसा दांव चला जिसने सबको चौंका दिया। उन्होंने कहा, "गद्दा खरीदो, 100 दिन इस्तेमाल करो, पसंद न आए तो वापस कर दो।" यह भरोसा ही उनका सबसे बड़ा प्रोडक्ट बन गया। बेंगलुरु का यह स्टार्टअप, जो कभी सिर्फ ऑनलाइन गद्दे बेचता था, आज फर्नीचर से लेकर होम डेकोर तक सब कुछ बेच रहा है। इनका 'कुंभकर्ण इंटर्नशिप' प्रोग्राम, जिसमें सोने के लिए पैसे दिए जाते थे, आज भी मार्केटिंग की दुनिया में एक मिसाल है। अब वही कंपनी निवेशकों से कह रही है कि हमारे ग्रोथ की कहानी में हिस्सेदार बनो।

ऑनलाइन से ऑफलाइन तक का सफर

वेकफिट उन चुनिंदा डी2सी (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) ब्रांड्स में से है जिसने मुनाफे का मुंह देखा है। शुरुआत में सिर्फ इंटरनेट पर बिकने वाला यह ब्रांड अब आपके शहर के शोरूम तक पहुंच गया है। कंपनी का आईपीओ लाना इस बात का संकेत है कि वे अब अपनी पहुंच को और बड़ा करना चाहते हैं। वेकफिट ने दिखाया है कि कैसे तकनीक और डेटा का इस्तेमाल करके लोगों की कमर के दर्द को समझा जा सकता है और उसे एक प्रोडक्ट में बदला जा सकता है। इनका 'ऑर्थोपेडिक मेमोरी फोम' आज घर-घर में एक जाना-पहचाना नाम बन गया है।

पुराने खिलाड़ियों की उड़ी नींद

शेयर बाजार में पहले से ही शीला फोम (स्लीपवेल) जैसी दिग्गज कंपनियां मौजूद हैं। वेकफिट के आने से इस सेक्टर में मुकाबला और कड़ा होने वाला है। जहां पुरानी कंपनियां डीलर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स के जाल में फंसी थीं, वेकफिट ने सीधे फैक्ट्री से ग्राहक तक का रास्ता चुना, जिससे उनका मार्जिन बेहतर हुआ। अब आईपीओ के जरिए जुटने वाले पैसों से कंपनी अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाएगी और टियर-2 और टियर-3 शहरों में घुसपैठ करेगी।

निवेशकों के लिए क्या है इसमें?

एक निवेशक के तौर पर यह देखना दिलचस्प होगा कि 'नींद' का यह कारोबार शेयर बाजार में कितनी 'तेजी' दिखाता है। भारत में लोग अब सेहत और आराम को लेकर जागरूक हो रहे हैं, जिसे 'स्लीप इकोनॉमी' कहा जा रहा है। वेकफिट इसी बदलाव का चेहरा है। हालांकि, कड़ा मुकाबला और कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव इस कंपनी के लिए चुनौती भी है। लेकिन इतना तय है कि वेकफिट का आईपीओ शेयर बाजार की सुस्त पड़ी चाल को 'जगाने' का काम जरूर कर सकता है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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