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  1. वेदांता के निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी, डिमर्जर को मिली मंजूरी, अब 1 के बदले मिलेंगे इतने शेयर

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वेदांता के निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी, डिमर्जर को मिली मंजूरी, अब 1 के बदले मिलेंगे इतने शेयर

Upstox

3 min read | अपडेटेड December 17, 2025, 09:05 IST

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सारांश

वेदांता लिमिटेड को एनसीएलटी की मुंबई बेंच से डिमर्जर के लिए मंजूरी मिल गई है। अब कंपनी एल्युमिनियम, ऑइल एंड गैस और पावर जैसी अलग-अलग कंपनियों में बंट जाएगी। शेयरधारकों को हर शेयर के बदले नई कंपनी का एक शेयर मिलेगा। सरकार की आपत्तियों का भी निपटारा कर दिया गया है ।

Vedanta shares, Dec 17

वेदांता के डिमर्जर प्लान को एनसीएलटी से मिली मंजूरी

वेदांता लिमिटेड के निवेशकों के लिए एक बहुत बडी और राहत वाली खबर आई है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने वेदांता के डिमर्जर प्लान को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के साथ ही अब अनिल अग्रवाल की यह दिग्गज कंपनी अलग-अलग कारोबारों में बंटने के लिए तैयार है, जिससे निवेशकों को हर बिजनेस में सीधी हिस्सेदारी मिल सकेगी। ट्रिब्यूनल ने यह फैसला सुनाते हुए सरकार की तरफ से उठाई गई आपत्तियों का भी समाधान कर दिया है।

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कैसा होगा नया ढांचा?

एनसीएलटी के आदेश के मुताबिक, वेदांता लिमिटेड अब कई अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में बंट जाएगी। इनमें वेदांता एल्युमिनियम मेटल लिमिटेड, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (पावर बिजनेस), मालको एनर्जी लिमिटेड (जो अब ऑइल एंड गैस बिजनेस देखेगी) और वेदांता आयरन एंड स्टील लिमिटेड शामिल हैं। हालांकि, आपको यह जानना चाहिए कि बेस मेटल्स (Part V) वाले हिस्से को अभी लागू नहीं किया जा रहा है, यानी इसमें अभी बदलाव नहीं होगा, बाकी योजनाओं को मंजूरी मिल गई है। इसका मतलब है कि ये नई कंपनियां अब अपने-अपने सेक्टर पर पूरा फोकस कर सकेंगी।

शेयरधारकों को क्या मिलेगा?

निवेशकों के मन में सबसे बडा सवाल यही था कि उन्हें इस बंटवारे से क्या मिलेगा। आदेश में साफ किया गया है कि शेयरधारकों के लिए शेयर अनुपात 1:1 रखा गया है। इसका आसान मतलब यह है कि अगर आपके पास वेदांता लिमिटेड का एक शेयर है, तो आपको नई बनने वाली हर कंपनी का एक-एक शेयर मिलेगा। इससे निवेशकों के पोर्टफोलियो में अलग-अलग कंपनियों के शेयर आ जाएंगे और वे अपनी पसंद के हिसाब से किसी भी बिजनेस में बने रह सकते हैं या निकल सकते हैं।

इस मंजूरी में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) ने कुछ अड़चनें लगाई थीं। सरकार का कहना था कि ऑइल एंड गैस ब्लॉक्स पर कुछ देनदारियां और सवाल बाकी हैं। सरकार ने मांग की थी कि जब तक पुराने हिसाब साफ न हों, मंजूरी न दी जाए। इस पर वेदांता ने ट्रिब्यूनल को भरोसा दिया है। वेदांता ने अंडरटेकिंग दी है कि अगर मालको एनर्जी लिमिटेड (नई ऑइल कंपनी) सरकार का पैसा चुकाने में नाकाम रहती है, तो वेदांता उसकी जिम्मेदारी लेगी और कॉरपोरेट गारंटी देगी। इसके साथ ही कंपनी को अपनी संपत्तियों पर से बैंकों के चार्ज हटाने का भी निर्देश दिया गया है।

क्यों किया गया यह बदलाव?

इस पूरे डिमर्जर का मकसद कंपनी की वैल्यू को अनलॉक करना है। अभी तक सारा कारोबार एक ही छत के नीचे था, जिससे किसी एक सेक्टर का प्रदर्शन दूसरे को प्रभावित करता था। अब एल्युमिनियम, पावर, और ऑइल जैसे बिजनेस अलग होने से हर कंपनी की अपनी अलग पहचान होगी और उनका मैनेजमेंट भी अलग होगा। ट्रिब्यूनल ने माना है कि यह योजना शेयरधारकों और लेनदारों के हित में है और इससे किसी का नुकसान नहीं होगा।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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