return to news
  1. Top Stock Market crashes: Harshad Mehta स्कैम से Covid तक, ये हैं भारतीय बाजार की 5 सबसे बड़ी गिरावटें

मार्केट न्यूज़

Top Stock Market crashes: Harshad Mehta स्कैम से Covid तक, ये हैं भारतीय बाजार की 5 सबसे बड़ी गिरावटें

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 07, 2025, 15:13 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

Stock Market crash: शेयर बाजार में आज आई गिरावट ने 19 अक्टूबर 1987 के ‘ब्लैक मंडे’ की याद दिला दी, जिसे पहला आधुनिक वैश्विक वित्तीय संकट माना जाता है। यहां हमने भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में एक दिन में आई 5 सबसे बड़ी गिरावट की लिस्ट दी है।

Stock Market: भारत के शेयर बाजार को पहला बड़ा झटका 1992 में तब लगा, जब हर्षद मेहता घोटाले का खुलासा हुआ।

Stock Market: भारत के शेयर बाजार को पहला बड़ा झटका 1992 में तब लगा, जब हर्षद मेहता घोटाले का खुलासा हुआ।

Stock Market crashes: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के बाद दुनियाभर के शेयर बाजारों में कोहराम मचा हुआ है। एशियाई बाजारों में आज 7 अप्रैल को 10 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है। वहीं, भारतीय बाजार भी करीब 5 फीसदी टूट गए। अमेरिका के टैरिफ का चीन ने भी 34 फीसदी टैरिफ के साथ जवाब दिया है। ट्रेड वॉर और अमेरिका में मंदी की आशंका के बीच शेयर बाजारों में जबरदस्त दबाव दिख रहा है।

BSE सेंसेक्स आज 7 अप्रैल को करीब 4000 अंक गिर गया, जबकि निफ्टी 50 भी करीब 1000 अंक टूटकर 21,750 से नीचे चला गया। इसके अलावा, मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 10% तक गिर गए।

शेयर बाजार में आज आई गिरावट ने 19 अक्टूबर 1987 के ‘ब्लैक मंडे’ की याद दिला दी, जिसे पहला आधुनिक वैश्विक वित्तीय संकट माना जाता है। यहां हमने भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में एक दिन में आई 5 सबसे बड़ी गिरावट की लिस्ट दी है।

1. हर्षद मेहता घोटाला (1992)

भारत के शेयर बाजार को पहला बड़ा झटका 1992 में तब लगा, जब हर्षद मेहता घोटाले का खुलासा हुआ। यह घोटाला अनुमानित ₹4000 करोड़ से ज्यादा का था। 28 अप्रैल 1992 को भारतीय शेयर बाजार ने उस समय की सबसे बड़ी सिंगल डे गिरावट दर्ज की। सेंसेक्स 570 अंक या 12.7% टूट गया।

2. केतन पारेख घोटाला (2001)

2001 में ब्रोकर केतन पारेख से जुड़े एक और घोटाले ने शेयर बाज़ार को हिलाकर रख दिया। जब घोटाला उजागर हुआ तो बाजार में हड़कंप मच गया। 2 मार्च 2001 को सेंसेक्स में 176 अंक या 4.13% की गिरावट आई।

3. चुनाव नतीजों के चलते क्रैश (2004)

2004 के आम चुनाव के नतीजों ने भारतीय शेयर बाजारों को चौंका दिया। एनडीए पर यूपीए की अप्रत्याशित जीत ने आर्थिक सुधारों को लेकर चिंताएं पैदा कर दीं। इसके चलते 17 मई 2004 को सेंसेक्स में 11.1% की गिरावट आई। दिन के दौरान शेयर बाजार को दो बार रोकना पड़ा क्योंकि घबराहट में बिक्री तेज हो गई थी।

4. वैश्विक वित्तीय संकट (2008)

2008 में लेहमैन ब्रदर्स नामक एक बड़ी निवेश बैंक ने दिवालियापन के लिए आवेदन किया। इससे बाजार को बड़ा झटका लगा। 21 जनवरी 2008 को वैश्विक मंदी की आशंकाओं और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा बड़े पैमाने पर बिकवाली के कारण सेंसेक्स में 1,408 अंक या 7.4% की गिरावट आई।

5. कोविड-19 महामारी (2020)

कोविड-19 महामारी के चलते भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली देखी गई। 23 मार्च 2020 को देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई। इसके चलते सेंसेक्स 3,935 अंक या 13.2% गिर गया।

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

अगला लेख