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4 min read | अपडेटेड December 10, 2025, 15:40 IST
सारांश
आज के कारोबार में Sensex के 30 में से ज्यादातर शेयर लाल निशान पर बंद हुए। सबसे ज्यादा बिकवाली Eternal, Trent, Bharti Airtel, Infosys और UltraTech Cement के शेयरों में देखी गई। दूसरी तरफ Tata Steel, RIL, ITC, HCL Tech और Sun Pharma के शेयर टॉप गेनर्स में रहे।

Stock Market: आज NSE पर मिड और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली का दबाव दिखा।
आज के कारोबार में Sensex के 30 में से ज्यादातर शेयर लाल निशान पर बंद हुए। सबसे ज्यादा बिकवाली Eternal, Trent, Bharti Airtel, Infosys और UltraTech Cement के शेयरों में देखी गई। दूसरी तरफ Tata Steel, RIL, ITC, HCL Tech और Sun Pharma के शेयर टॉप गेनर्स में रहे।
आज NSE पर मिड और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली का दबाव दिखा। इसके चलते निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1.24 फीसदी तक टूट गया। वहीं निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में भी 1.09 फीसदी तक की कमजोरी देखने को मिली।
सेक्टर वाइज परफॉर्मेंस की बात करें तो आज ज्यादातर इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, आईटी जैसे इंडेक्स में देखी गई। वहीं निफ्टी मीडिया, फार्मा और मेटल इंडेक्स हरे निशान पर बंद हुए।
| इंडेक्स | प्रतिशत बदलाव |
|---|---|
| NIFTY AUTO | -0.15% |
| NIFTY FINANCIAL SERVICES 25/50 | -0.54% |
| NIFTY FMCG | -0.03% |
| NIFTY IT | -0.89% |
| NIFTY MEDIA | +0.48% |
| NIFTY METAL | +0.46% |
| NIFTY PHARMA | +0.17% |
| NIFTY PSU BANK | -0.70% |
| NIFTY PRIVATE BANK | -0.43% |
| NIFTY REALTY | -0.36% |
| NIFTY HEALTHCARE INDEX | 0.00% |
| NIFTY CONSUMER DURABLES | -1.72% |
| NIFTY OIL & GAS | +0.11% |
| NIFTY MIDSMALL HEALTHCARE | -0.35% |
| NIFTY FINANCIAL SERVICES EX-BANK | -0.84% |
| NIFTY MIDSMALL FINANCIAL SERVICES | -1.29% |
| NIFTY MIDSMALL IT & TELECOM | -1.63% |
| NIFTY CHEMICALS | +0.05% |
| NIFTY500 HEALTHCARE | -0.13% |
आज बाजार की नजरें पूरी तरह अमेरिकी Federal Reserve की बैठक पर टिकी हुई हैं। उम्मीद है कि फेड आज रात तीसरी बार ब्याज दर घटा सकता है। निवेशकों की नजर इस बात पर है कि 2026 के लिए फेड का रुख कैसा रहेगा। फेड अधिकारियों के बीच महंगाई और नौकरी बाजार को लेकर अलग-अलग राय है, इसलिए आने वाले सालों की गाइडेंस को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
जेरोम पॉवेल का कार्यकाल मई में खत्म हो रहा है और उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी स्पष्टता नहीं है। इस वजह से निवेशक बड़े या आक्रामक रेट कट की उम्मीदें कम कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आज 2026 का संकेत, टैरिफ का असर और नए फेड गवर्नर की नियुक्ति जैसी बातें ज्यादा अहम होंगी।
वैश्विक बाजारों से भी कमजोरी के संकेत मिले हैं। एशियाई बाजार जैसे शंघाई का SSE Composite, हांगकांग का हैंग सेंग और जापान का निक्केई 225 आज सभी गिरावट में कारोबार कर रहे थे। बीती रात अमेरिकी बाजार भी कमजोर बंद हुए थे और इसका असर भारतीय बाजार की धारणा पर भी पड़ा।
भारतीय बाजार पर दबाव की एक और बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली है। मंगलवार को FIIs ने करीब ₹3,760 करोड़ के शेयर बेचे और यह लगातार नौवां दिन है जब विदेशी निवेशकों ने नेट सेलिंग की है। लगातार FII आउटफ्लो से बाजार की लिक्विडिटी कम होती है और उभरते बाजारों के प्रति निवेशकों की जोखिम लेने की इच्छा भी घटती है, जिससे सेंटीमेंट कमजोर पड़ता है।
कच्चे तेल की कीमतें भी बाजार के लिए चिंता की वजह बनी हुई हैं। ब्रेंट क्रूड हल्की बढ़त के साथ 62.03 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। भारत एक बड़ा आयातक देश है, इसलिए कच्चे तेल के महंगा होने से महंगाई बढ़ सकती है, कंपनियों की लागत पर दबाव आ सकता है और इससे शेयर बाजार पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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