मार्केट न्यूज़
4 min read | अपडेटेड April 04, 2025, 09:24 IST
सारांश
Stock Market: Dow Jones Industrial करीब 4 फीसदी टूटकर 40,545.93 के स्तर पर आ गया है। S&P 500 इंडेक्स भी 4.84 फीसदी लुढ़क गया और 5,396.52 के स्तर पर बंद हुआ। इसके अलावा, Nasdaq Composite में करीब 6 फीसदी की कमजोरी आई और यह 16,550.60 पर आ गया।
Stock Market: अमेरिकी शेयर बाजारों के अलावा एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भी तगड़ी गिरावट आई है।
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद दुनियाभर के शेयर बाजारों में बिकवाली का दबाव दिख रहा है। अमेरिकी शेयर बाजारों के अलावा एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भी तगड़ी गिरावट आई है। गुरुवार को Dow Jones Industrial करीब 4 फीसदी टूटकर 40,545.93 के स्तर पर आ गया है।
S&P 500 इंडेक्स भी 4.84 फीसदी लुढ़क गया और 5,396.52 के स्तर पर बंद हुआ। इसके अलावा, Nasdaq Composite में करीब 6 फीसदी की कमजोरी आई और यह 16,550.60 पर आ गया।
एशियाई बाजारों की बात करें तो गिफ्ट निफ्टी 128 अंक नीचे दिख रहा है। Nikkei 225 में 2.71 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है। Straits Times भी 2.80 फीसदी टूट गया है। इसके अलावा, KOSPI में 1.65 फीसदी और SET Composite में 1.71 फीसदी तक की भारी बिकवाली देखी गई।
यूरोपियन मार्केट्स की बात करें तो यूके का FTSE 100 इंडेक्स 1.58% गिरकर 8,474 पर बंद हुआ, जो 8 महीनों में सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट थी। फ्रांस का CAC 3.4% गिरकर 7,598 पर और जर्मनी का DAX 3.10% गिरकर 21,717 तक लुढ़क गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए टैरिफ ने ग्लोबल मार्केट्स में चिंता पैदा कर दी है। इससे अमेरिका में मंदी की आशंका जताई जा रही है। टैरिफ से भारत, चीन, जापान और वियतनाम जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं।
यह नीति अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इसके तहत कुछ आयातित वस्तुओं पर 46% तक ऊंचे टैक्स लगाए जा सकते हैं। इससे अमेरिकी कंपनियों की लागत बढ़ सकती है और सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है। यूरोपीय संघ, चीन और कनाडा जैसे देश इसके खिलाफ कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं, जिससे आने वाले हफ्तों में ट्रेड वॉर बढ़ने की आशंका है।
5 अप्रैल से अमेरिका सभी आयातों पर 10% टैक्स लगाएगा। 60 ऐसे देश, जिनका व्यापार संतुलन ठीक नहीं है, उन्हें और भी ज्यादा टैक्स देना होगा। चीन पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा, उसे 34% टैक्स देना होगा। भारत (26%), जापान (24%), और यूरोपीय संघ (20%) भी इस लिस्ट में शामिल हैं। ये नए टैक्स 9 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। इससे व्यापार में तनाव बढ़ सकता है, लागत बढ़ सकती है और प्रभावित देशों की तीखी प्रतिक्रिया आ सकती है।
3 अप्रैल को सोने की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंचीं, दिन के दौरान $3,167 तक बढ़ीं और फिर $3,128 पर स्थिर हुईं। 4 अप्रैल को भारत में सोने की कीमतें मजबूत बनी रहीं, जहां 24 कैरेट सोना ₹93,390 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना ₹85,610 प्रति 10 ग्राम पर दर्ज किया गया, जबकि 18 कैरेट सोना ₹70,050 प्रति 10 ग्राम पर उपलब्ध था।
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (DXY) शुक्रवार सुबह 101.67 पर था। यह इंडेक्स डॉलर की स्थिति को ब्रिटिश पाउंड, यूरो, स्वीडिश क्रोना, जापानी येन, स्विस फ्रैंक जैसी प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले दर्शाता है। 3 अप्रैल को भारतीय रुपया 1 अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ₹85.03 पर स्थिर हुआ।
3 अप्रैल को जब अमेरिकी सरकार ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, तो FII ने 2806 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे भारतीय बाजारों में बिकवाली का सिलसिला जारी रहा। हालांकि, घरेलू निवेशकों (DII) ने 221 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी करके कुछ सपोर्ट दिया।
4 अप्रैल को तेल की कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई। WTI क्रूड 0.58% गिरकर 66.56 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 0.89% गिरकर 69.53 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
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