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3 min read | अपडेटेड April 09, 2025, 15:53 IST
सारांश
Stock Market: NSE पर मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों में भी आज गिरावट देखने को मिली है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.62 फीसदी टूट गया है। इसके अलावा, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में भी 0.87 फीसदी की कमजोरी दर्ज की गई।
Stock Market: Sensex के 30 शेयरों की बात करें तो 13 शेयर हरे निशान पर बंद हुए।
आज के कारोबार में BSE Sensex में 379.93 अंकों की गिरावट रही और यह 73,847.15 के स्तर पर आ गया। इसके अलावा, Nifty 50 भी 136.70 अंक लुढ़ककर 22,399.15 पर आ गया है।
NSE पर मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों में भी आज गिरावट देखने को मिली है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.62 फीसदी टूट गया है। इसके अलावा, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में भी 0.87 फीसदी की कमजोरी दर्ज की गई।
Sensex के 30 शेयरों की बात करें तो 13 शेयर हरे निशान पर बंद हुए, जबकि 17 शेयरों में गिरावट देखी गई। सबसे ज्यादा खरीदारी Nestle India, Hindustan Unilever, Power Grid, Titan Company और UltraTech Cement के शेयरों में हुई है। इसके अलावा, SBIN, Tech Mahindra और Larsen and Toubro के शेयर टॉप लूजर्स रहे।
आज के कारोबार में ज्यादातर सेक्टर लाल निशान पर बंद हुए। सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी PSU बैंक में रही और यह 2.52 फीसदी टूट गया। इसके अलावा, निफ्टी आईटी, रियल्टी और फार्मा में भी करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।
निफ्टी मीडिया और मेटल में एक फीसदी से अधिक की बिकवाली रही। निफ्टी प्राइवेट बैंक और ऑयल एंड गैस इंडेक्स भी लाल निशान पर बंद हुए। दूसरी ओर, निफ्टी FMCG में 1.78 फीसदी की मजबूती रही।
RBI ने चालू वित्त वर्ष (FY26) के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान घटा दिया है। पहले यह 6.7% था, अब इसे 6.1% किया गया है। इन वजहों से आज मार्केट में बिकवाली का दबाव रहा। इसका कारण अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर 26% टैरिफ (शुल्क) लगाना है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 20-40 बेसिस पॉइंट तक घट सकती है।
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध तेज हो गया है। अमेरिका ने चीनी सामानों पर टैक्स लगाया, तो चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर 34% टैक्स लगा दिया। इससे वैश्विक शेयर बाजार हिल गए हैं। निवेशकों को डर है कि यह तनाव लंबे समय तक चलेगा और दुनिया के व्यापार व आर्थिक सुधार पर असर डालेगा।
अमेरिका के सरकारी बॉन्ड पर ब्याज दरें बढ़ गई हैं। इससे शेयर जैसे जोखिम भरे निवेश कम आकर्षक हो जाते हैं। 10 साल वाले बॉन्ड की ब्याज दर 4.5% और 30 साल वाले की 4.97% हो गई है। आमतौर पर ऐसी बढ़त से वित्तीय हालात सख्त हो जाते हैं।
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