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4 min read | अपडेटेड April 03, 2025, 15:52 IST
सारांश
Stock Market: आज के कारोबार में स्मॉल और मिडकैप शेयरों ने निवेशकों को मुनाफा कराया है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.21 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुए। वहीं, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 0.58 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो निफ्टी फार्मा में सबसे अधिक तेजी रही।
Stock Market: Sensex की 30 कंपनियों की बात करें तो ज्यादातर शेयर लाल निशान पर बंद हुए।
आज 3 अप्रैल को BSE Sensex में 322.08 अंकों की गिरावट आई और यह 76,295.36 के स्तर पर बंद हुआ। इसके अलावा, Nifty 50 में भी 82.25 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 23,250.10 पर आ गया। फार्मास्युटिकल शेयरों में शानदार तेजी और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने टैरिफ के चलते सुबह के समय हुई गिरावट की भरपाई करने में मदद की।
Sensex की 30 कंपनियों की बात करें तो ज्यादातर शेयर लाल निशान पर बंद हुए। TCS, टेक महिंद्रा, HCL टेक और इंफोसिस के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। हालांकि, Power Grid, Sun Pharma, UltraTech Cement और NTPC के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।
आज के कारोबार में स्मॉल और मिडकैप शेयरों ने निवेशकों को मुनाफा कराया है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.21 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुए। वहीं, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 0.58 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो निफ्टी फार्मा में सबसे अधिक तेजी रही और यह 2.25 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ। निफ्टी PSU बैंक में भी 1.94 फीसदी का उछाल आया। निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स करीब 2 फीसदी बढ़ गया। इसके अलावा, निफ्टी FMCG, बैंक, मीडिया और प्राइवेट बैंक इंडेक्स भी हरे निशान पर बंद हुए। दूसरी ओर, आईटी शेयरों में जमकर बिकवारी रही और यह 4.21 फीसदी लुढ़क गया। निफ्टी ऑटो, मेटल और रियल्टी इंडेक्स भी लाल निशान पर बंद हुए।
अमेरिका ने फार्मा को टैरिफ में शामिल नहीं किया है। इस फैसले के बाद भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों में तेजी आई। निफ्टी फार्मा इंडेक्स 4% बढ़ा, जबकि ग्लैंड फार्मा, ऑरोबिंदो फार्मा और डॉ. रेड्डीज लैब्स के शेयर 5% तक चढ़ गए।
इसके अलावा, अमेरिका ने सभी आयातों पर टैक्स बढ़ा दिया है, जिससे भारतीय टेक्सटाइल उद्योग को चीन, वियतनाम और बांग्लादेश की तुलना में फायदा मिलेगा, क्योंकि इन देशों पर अब ज्यादा टैक्स लगेगा।
अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 27% टैक्स लगाया है, लेकिन भारत की स्थिति उसके पड़ोसी देशों की तुलना में बेहतर है। चीन पर कुल 54% टैक्स लगेगा (जिसमें पहले से घोषित 20% टैक्स शामिल है), वियतनाम पर 46%, बांग्लादेश पर 37%, थाईलैंड पर 36% और ताइवान पर 32% टैक्स लगाया गया है।
कच्चे तेल की कीमतों में 3 फीसदी तक की गिरावट ने भी बाजार की रिकवरी को बढ़ावा दिया, जिससे मुद्रास्फीति की चिंता कम हुई और सेंटीमेंट में सुधार हुआ। ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 1.97 डॉलर या 2.63 फीसदी गिरकर 72.98 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 1.98 डॉलर या 2.76 फीसदी गिरकर 69.73 डॉलर पर आ गया।
भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.62 पर कारोबार कर रहा था, जो दिन के 85.78 के शुरुआती स्तर से थोड़ा मजबूत था। अमेरिकी डॉलर में अस्थिरता देखी गई क्योंकि निवेशकों ने ट्रंप के आक्रामक टैरिफ उपायों के बाद जापानी येन और स्विस फ्रैंक जैसी सुरक्षित-संपत्तियों की ओर रुख किया।
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