मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड March 25, 2025, 15:48 IST
सारांश
Stock Market: 30 शेयरों वाले Sensex में ज्यादातर स्टॉक लाल निशान पर बंद हुए हैं। UltraTech Cement, Bajaj Finserv, Infosys और Axis Bank के शेयरों में आज सबसे ज्यादा खरीदारी देखने को मिली है। हालांकि, Zomato, Indusind Bank और Adani Ports के शेयरों में बिकवाली का दबाव रहा।
Stock Market: आज NSE पर स्मॉल और मिडकैप शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली।
सेंसेक्स की बात करें तो आज यह 32.81 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 78,017.19 के स्तर पर बंद हुआ है। इसके अलावा, Nifty 50 में 10.30 अंकों की तेजी रही और यह 23,668.65 पर बंद हुआ।
30 शेयरों वाले Sensex में ज्यादातर स्टॉक लाल निशान पर बंद हुए हैं। इसमें 10 शेयरों में तेजी देखने को मिली, जबकि 20 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। UltraTech Cement, Bajaj Finserv, Infosys और Axis Bank के शेयरों में आज सबसे ज्यादा खरीदारी देखने को मिली है। हालांकि, Zomato, Indusind Bank और Adani Ports के शेयरों में बिकवाली का दबाव रहा।
आज NSE पर स्मॉल और मिडकैप शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1.06 फीसदी टूट गया। वहीं, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 1.56 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
NSE पर सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो निफ्टी आईटी और निफ्टी प्राइवेट बैंक को छोड़कर अन्य सभी सेक्टर आज लाल निशान पर बंद हुए। निफ्टी आईटी में एक फीसदी से अधिक की तेजी रही। दूसरी ओर, निफ्टी मीडिया, ऑटो, मेटल, फार्मा, PSU बैंक, रियल्टी और ऑयल एंड गैस इंडेक्स एक फीसदी से ज्यादा टूट गए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऑटोमोबाइल पर नए टैरिफ लगाने के बयान के बाद मार्केट सेंटीमेंट कमजोर हुआ। उन्होंने संकेत दिया कि सभी टैरिफ 2 अप्रैल तक लागू नहीं होंगे, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे वेनेजुएला से तेल या गैस खरीदने वाले किसी भी देश पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने के पक्ष में हैं।
रॉयटर्स के मुताबिक व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने पर अड़े हुए हैं और कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। बाजार के निवेशक अब नई ट्रेड पॉलिसी की स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे नए निवेश के फैसले ले सकें।
बाजार में शुरुआती तेजी के बाद मुनाफावसूली देखने को मिली। ट्रेडर्स ने अपने प्रॉफिट सुरक्षित कर लिए। इसका कारण जियो-पॉलिटिकल टेंशन और संभावित व्यापारिक बाधाओं की चिंताएं थीं। एनालिस्ट्स का मानना है कि बाजार का भविष्य घरेलू कंजप्शन और कंपनियों की कमाई के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
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