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चांदी ने रचा इतिहास, पहली बार 2 लाख रुपये के पार पहुंचा भाव, समझिए क्यों भाग रहा सिल्वर?

विकास तिवारी

3 min read | अपडेटेड December 12, 2025, 15:31 IST

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सारांश

वायदा बाजार में चांदी ने आज नया इतिहास लिख दिया है। एमसीएक्स (MCX) पर चांदी का भाव पहली बार 2 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया। आज के कारोबार में चांदी ने 2,00,362 रुपये का लाइफटाइम हाई बनाया।

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एमसीएक्स पर चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी का ग्राफ।

सर्राफा बाजार में आज यानी 12 दिसंबर 2025 को एक ऐतिहासिक घटना घटी है। वायदा कारोबार यानी फ्यूचर्स मार्केट में चांदी की कीमतों ने आसमान छू लिया है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चांदी का भाव पहली बार 2 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर गया है। यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है, जिसे 'लाइफटाइम हाई' भी कहा जाता है। इस तेजी ने बाजार के दिग्गजों को भी चौंका दिया है, क्योंकि चांदी ने बहुत कम समय में यह लंबी छलांग लगाई है।

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2,00,362 रुपये का नया शिखर

एमसीएक्स की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, आज के कारोबारी सत्र के दौरान चांदी में जबरदस्त खरीदारी देखी गई। इसी खरीदारी के दम पर चांदी ने दिन के कारोबार में 2,00,362 रुपये प्रति किलोग्राम का हाई लेवल को छू लिया। यह आंकड़ा इसलिए भी अहम है क्योंकि लाइफटाइम हाई वाले कॉलम में भी यही भाव दर्ज हो गया है। इसका मतलब है कि एमसीएक्स के इतिहास में चांदी आज से पहले कभी इतनी महंगी नहीं हुई थी।

फिलहाल क्या है स्थिति?

हालांकि, 2 लाख रुपये का स्तर छूने के बाद ऊपरी स्तरों पर थोड़ी मुनाफावसूली भी देखने को मिली है। दोपहर 3 बजकर 02 मिनट (15:02 बजे) के अपडेट के मुताबिक, चांदी का मार्च 2026 वाला वायदा अनुबंध (Futures Contract) थोड़ा नीचे आकर 1,98,864 रुपये पर कारोबार कर रहा था। उस समय इसमें करीब 78 रुपये या 0.04 प्रतिशत की मामूली गिरावट दिख रही थी। लेकिन दिन का हाई 2 लाख के पार जाना यह साबित करता है कि बाजार में बुलियन यानी कीमती धातुओं को लेकर सेंटीमेंट बेहद मजबूत बना हुआ है।

मांग ने सप्लाई को पछाड़ा

चांदी में आई इस रिकॉर्ड तोड़ तेजी के पीछे केवल सट्टेबाजी नहीं, बल्कि मजबूत फंडामेंटल कारण हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चांदी की जबरदस्त मांग ने अब उसकी सप्लाई को पीछे छोड़ दिया है। इसी असंतुलन के कारण इस साल चांदी की कीमतें दोगुनी से ज्यादा हो चुकी हैं और इसने रिटर्न के मामले में सोने को भी पछाड़ दिया है। सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट कॉस्मास मारिनाकिस का कहना है, "चांदी केवल निवेश का जरिया नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण भौतिक संसाधन (Physical Resource) है जिसकी जरूरत मैन्युफैक्चरर्स को पड़ रही है।"

EV और सोलर पैनल ने बढ़ाई चमक

चांदी बिजली की सबसे अच्छी सुचालक (Conductor) मानी जाती है, जो सोने या तांबे से भी बेहतर है। यही खूबी इसे इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और सोलर पैनल बनाने के लिए जरूरी बनाती है। जानकारों का कहना है कि इलेक्ट्रिक कारों की बढ़ती बिक्री और उनमें लगने वाली एडवांस बैटरियों के लिए चांदी की खपत और बढ़ेगी। समस्या यह है कि चांदी की सप्लाई को तुरंत बढ़ाना मुश्किल है, क्योंकि दुनिया की ज्यादातर चांदी सीसा, तांबा या सोने की खदानों से बाय-प्रोडक्ट (सह-उत्पाद) के रूप में निकलती है।

ट्रंप की नीतियों का डर और जमाखोरी

कीमतों में आग लगाने वाला एक और बड़ा कारण अमेरिका की राजनीति है। बाजार में डर है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी व्यापार नीतियों के तहत चांदी पर भी टैरिफ (आयात शुल्क) लगा सकते हैं। अमेरिका अपनी जरूरत की दो-तिहाई चांदी आयात करता है। टैरिफ के डर से वहां मैन्युफैक्चरर्स ने चांदी की जमाखोरी (Stockpiling) शुरू कर दी है ताकि भविष्य में सप्लाई की कमी न हो। इस हड़बड़ी ने ग्लोबल मार्केट में चांदी की किल्लत पैदा कर दी है और भाव आसमान पर पहुंच गए हैं।

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टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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