मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड January 20, 2025, 12:02 IST
सारांश
Telecom Companies Shares: टेलिकॉम कंपनियों के ऊपर लाखों करोड़ बकाया चल रहा है। ऐसे में सेक्टर की हालत भी खराब है। हालांकि, ताजा खबरें इन कंपनियों के लिए राहत लेकर आई हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया था सरकार के AGR बकाये का फैसला
स्टॉक मार्केट में सोमवार, 20 जनवरी को टेलिकॉम कंपनियों के शेयर्स में इजाफा देखा गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने अजस्टड ग्रोस रेवेन्यू (AGR) का एक हिस्सा माफ करने पर विचार कर रही है। दूरसंचार विभाग टेलिकॉम ऑपरेटर्स पर इस्तेमाल और लाइसेंसिंग के लिए फीस लगाता है जिसे AGR कहते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार टेलिकॉम कंपनियों के बकाये को 100% और 50% ब्याज को माफ करने पर विचार कर रहा है। इससे टेलिकॉम कंपनियों को कम से कम ₹1 लाख करोड़ की राहत मिल सकती है।
इन चर्चाओं के बाद से Vodafone Idea के शेयर्स सोमवार को सुबह शुरुआती कारोबार के दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 14.9% बढ़कर ₹10.47 प्रति शेयर पर पहुंच गए। वहीं, टाटा टेलिसर्विसेज (महाराष्ट्र) लि. के शेयर्स में भी 14.7% की बढ़त देखी गई और ये ₹81.5 प्रति शेयर के भाव पर ट्रेड कर रहे थे जबकि महानगर टेलिफोन निगम लि. 13% की बढ़त के साथ ₹52.9 प्रति शेयर और भारती एयरटेल 1% की बढ़त के साथ ₹1,644.25 प्रति शेयर पर पहुंच गए थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर सरकार ऐसा फैसला करती है तो Vodafone Idea को AGR बकाये में ₹52,000 करोड़ की राहत मिल सकती है जबकि Bharti Airtel का बकाया भी ₹38,000 करोड़ नीचे आ सकता है। इसी तरह टाटा टेलिसर्विसेज को भी ₹14,000 करोड़ की गिरावट देखने को मिल सकती है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ऐसा ऐलान केंद्रीय बजट 2025 में किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2019 में सरकार की AGR की परिभाषा को सही ठहराया था और टेलिकॉम कंपनियों पर ₹1.47 लाख करोड़ बकाये का दावा सही ठहराया था। इसमें ₹92,642 करोड़ लाइसेंस फीस और ₹55,054 करोड़ स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल का शुल्क था। इसमें से करीब 75% बकाया सिर्फ ब्याज, पेनाल्टी और पेनाल्टी पर ब्याज का था।
केंद्र सरकार ने दिसंबर 2024 में वोडाफोन आइडियो का राहत देते हुए पुराने स्पेक्ट्रम आवंटन पर बैंक गारंटी की जरूरत को खत्म कर दिया था। इससे कंपनी को करीब ₹24,800 करोड़ की राहत मिली थी और लेंडर्स को कंपनी को और कैपिटल देने का स्कोप भी मिला था।
वोडाफोन आइडिया ने अपनी वित्तीय चुनौतियों का जिक्र सरकार से किया था और बैंक गारंटी हटाने की गुजारिश की थी। कंपनी को विश्वास है कि ऐसा करने से उसे बैंकों से क्रेडिट लेने में आसानी हो जाएगी और वित्तीय संकट का सामना किया जा सकेगा।
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