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3 min read | अपडेटेड March 20, 2025, 13:51 IST
सारांश
Stock Market: अमेरिकी शेयर बाजार में फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर निवेशकों का भरोसा बढ़ा, जिससे बाजार में मजबूती देखने को मिली। डॉव जोन्स 383.32 अंकों (0.92%) की बढ़त के साथ 41,964.63 पर बंद हुआ, जबकि S&P 500 में 60.63 अंकों (1.08%) की तेजी आई
Stock Market: फेडरल रिजर्व ने संकेत दिया है कि वह इस साल बाद में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
फेडरल रिजर्व ने संकेत दिया है कि वह इस साल बाद में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, भले ही टैरिफ हाइक के कारण महंगाई बढ़ने की चिंता बनी हुई हो। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि टैरिफ का महंगाई पर असर अस्थायी हो सकता है, जिससे निवेशकों की चिंता कम हुई। उन्होंने मंदी के जोखिम को भी ज्यादा गंभीर नहीं बताया, जिससे बाजार को राहत मिली।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि फेडरल रिजर्व का यह नरम रुख यह दिखाता है कि वह आर्थिक मंदी या महंगाई को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है। इसका पॉजिटिव असर शेयर बाजार पर पड़ा है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि घरेलू खपत से जुड़े शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है। कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, इंटरग्लोब एविएशन और मुथूट फाइनेंस जैसे कई शेयर हाल ही में अपने 52 वीक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं, जिससे इन सेक्टरों में मजबूत दिलचस्पी दिख रही है। पहले कमजोर रहे रक्षा और शिपिंग सेक्टर में भी सुधार देखने को मिल रहा है। वहीं, उपभोक्ताओं से जुड़े डिजिटल स्टॉक्स भी मजबूती बनाए हुए हैं।
अमेरिकी शेयर बाजार में फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर निवेशकों का भरोसा बढ़ा, जिससे बाजार में मजबूती देखने को मिली। डॉव जोन्स 383.32 अंकों (0.92%) की बढ़त के साथ 41,964.63 पर बंद हुआ, जबकि S&P 500 में 60.63 अंकों (1.08%) की तेजी आई और यह 5,675.29 पर पहुंच गया। टेक शेयरों से भरपूर Nasdaq 246.67 अंकों (1.41%) की बढ़त के साथ 17,750.79 पर बंद हुआ।
अमेरिकी फ्यूचर मार्केट में भी पॉजिटिव रुझान देखने को मिला, जहां Nasdaq और S&P 500 फ्यूचर्स 0.4% और 0.3% ऊपर रहे। दूसरी ओर, एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा, जहां जापान का निक्केई 225 और चीन का CSI 300 0.40% और 0.46% नीचे रहे, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 1.5% गिर गया।
आज रुपया मजबूत हुआ। गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 12 पैसे की बढ़त के साथ 86.25 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। इसकी वजह घरेलू शेयर बाजार में तेजी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर की कमजोरी रही।
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