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2 min read | अपडेटेड May 09, 2025, 17:48 IST
सारांश
SBI और YES Bank के बीच यह डील 12 महीने में पूरा होने की उम्मीद है। मार्च तिमाही के अंत में, SBI के पास यस बैंक में 23.97 फीसदी हिस्सेदारी थी और सौदा पूरा होने के बाद बैंक में इसकी हिस्सेदारी घटकर 10.78% रह जाएगी। यस बैंक के शेयरों में आज 9.77 फीसदी की तेजी देखी गई।
YES Bank के शेयरों में आज 9.77 फीसदी की तेजी देखी गई और यह स्टॉक BSE पर 20 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने यस बैंक (YES Bank) में 13.19 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। यह हिस्सेदारी जापानी फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) को बेचा जाएगा। यह बिक्री 21.50 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के हिसाब से की जाएगी, जिसकी कुल कीमत 8889 करोड़ रुपये होगी। बैंक ने शुक्रवार को एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी।
SBI और YES Bank के बीच यह डील 12 महीने में पूरा होने की उम्मीद है। मार्च तिमाही के अंत में, SBI के पास यस बैंक में 23.97 फीसदी हिस्सेदारी थी और सौदा पूरा होने के बाद बैंक में इसकी हिस्सेदारी घटकर 10.78% रह जाएगी। यस बैंक के शेयरों में आज 9.77 फीसदी की तेजी देखी गई और यह स्टॉक BSE पर 20 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।
इस हफ्ते की शुरुआत में यस बैंक ने उन रिपोर्ट्स का खंडन किया था, जिसमें कहा गया था कि वह हिस्सेदारी बिक्री के लिए बातचीत कर रहा है। यस बैंक ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि शेयरधारक मूल्य बढ़ाने के उद्देश्य से कई स्टेकहोल्डर्स के साथ उसकी चर्चा नियमित थी और वर्तमान में शुरुआती स्टेज में है। मुंबई स्थित लेंडर की ओर से यह स्पष्टीकरण तब आया जब SMBC को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से बैंक में 51% हिस्सेदारी हासिल करने की मंजूरी मिली।
एसबीआई ने मार्च 2020 में यस बैंक में हिस्सेदारी हासिल की थी। बढ़ते नॉन-परफॉर्मिंग और शासन संबंधी मुद्दों के कारण यस बैंक को गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के संचालन पर रोक लगाकर और इसके बोर्ड को निलंबित करके हस्तक्षेप किया।
हालांकि, जनता का भरोसा बहाल करने और विफलता को रोकने के लिए RBI ने रिकंस्ट्रक्शन स्कीम तैयार की। रिकंस्ट्रक्शन स्कीम के तहत एसबीआई ने अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर यस बैंक में पूंजी डाली।
एसबीआई ने शुरुआत में यस बैंक में 48.2% हिस्सेदारी खरीदी थी, और कम से कम तीन साल के लिए मिनिमम 26% हिस्सेदारी रखने का वादा किया था। कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, ICICI Bank और HDFC Bank भी यस बैंक में हिस्सेदारी रखने वाले प्रमुख बैंकों में से हैं। भारतीय जीवन बीमा निगम की भी यस बैंक में हिस्सेदारी है।
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