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3 min read | अपडेटेड April 28, 2025, 13:40 IST
सारांश
Reliance Industries ने मार्च तिमाही में अनुमान से बेहतर नतीजे पेश किए। FY25 की चौथी तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 2.4 फीसदी बढ़ गया। इस दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट 19,407 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 18,951 करोड़ रुपये था।
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Reliance Industries: आज की तेजी के साथ इसका मार्केट कैप बढ़कर 18.34 लाख करोड़ रुपये हो गया।
मुकेश अंबानी की कंपनी RIL ने मार्च तिमाही में अनुमान से बेहतर नतीजे पेश किए। FY25 की चौथी तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 2.4 फीसदी बढ़ गया। इस दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट 19,407 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 18,951 करोड़ रुपये था। RIL ने कहा कि जनवरी-मार्च तिमाही में उसके खुदरा और तेल कारोबार में सुधार हुआ। कंपनी के बोर्ड ने ₹5.5 प्रति शेयर के डिविडेंड की भी सिफारिश की है।
मार्च तिमाही के अंत में RIL का रेवेन्यू 10% बढ़कर ₹2,64,573 करोड़ हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह ₹2,40,715 करोड़ था। रिलायंस इंडस्ट्रीज का EBITDA पिछले वर्ष की इसी अवधि के ₹42,516 करोड़ से 3.1% बढ़कर ₹43,832 करोड़ हो गया। इसका EBITDA मार्जिन 17.66% से 110 bps घटकर 16.57% हो गया। मार्केट कैप के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस ने वित्त वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 18,540 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था।
RIL का सालाना मुनाफा लगभग ₹69,648 करोड़ पर स्थिर रहा, लेकिन यह ऑयल-टू-टेलीकॉम और रिटेल कंपनी 2024-25 में ₹10 लाख करोड़ से अधिक की नेटवर्थ वाली पहली कंपनी बन गई। पिछले साल, यह ₹20 लाख करोड़ के मार्केट कैप तक पहुंचने वाली पहली कंपनी भी बनी थी।
मुकेश अंबानी के छोटे बेटे, अनंत अंबानी को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त किया गया है, जो 1 मई से 5 साल के कार्यकाल के लिए प्रभावी होगा।
रिलायंस ग्रुप की टेलीकॉम आर्म जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड ने चौथी तिमाही में रेवेन्यू और मुनाफे में डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की। रिलायंस जियो की कमाई सालाना आधार पर 17.7% बढ़कर मार्च तिमाही में ₹33,986 करोड़ हो गई, जो पिछले साल इसी तिमाही में ₹28,871 करोड़ थी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने कहा, "वैश्विक व्यापारिक माहौल के लिए FY2025 एक चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है, जिसमें कमजोर आर्थिक स्थितियां और बदलता हुआ भू-राजनीतिक परिदृश्य शामिल है। परिचालन अनुशासन, ग्राहक-केंद्रित नवाचार और भारत की विकास आवश्यकताओं को पूरा करने पर हमारा ध्यान ने रिलायंस को वर्ष के दौरान एक स्थिर वित्तीय प्रदर्शन देने में मदद की।"
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