मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड May 12, 2025, 10:10 IST
सारांश
Pharma Stocks in Focus: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि दूसरे देशों के मुकाबले अमेरिका में दवाइयां महंगी मिलती हैं और इसलिए वह एक आदेश के जरिए इन्हें 30-80% तक सस्ता करने जा रहे हैं। ट्रंप के बयान के बाद भारत के स्टॉक मार्केट में दवा कंपनियों के शेयर्स नीचे जाते नजर आए हैं। सबसे ज्यादा झटका सन फार्मा को लगा है जिसके शेयर्स में 7% तक गिरावट दर्ज की गई है।
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डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर किया पोस्ट, दूसरे देशों से कहीं ज्यादा महंगी मिलती हैं अमेरिका में दवाइयां।
दरअसल, ट्रंप ने ऐलान किया है कि वह देश में दवाइयों की कीमत 30-80% तक कम कर देंगे। इससे भारतीय कंपनियों की आमदनी में सेंध लगने की आशंका के चलते इनके शेयर्स सोमवार को नीचे लुढ़क गए। शुरुआती कारोबार के दौरान Sun Pharma, Cipla, Dr Reddy's, Lupin और Zydus Lifesciences जैसी कंपनियों के शेयर्स में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
NIFTY PHARMA सूचकांक 1.98% की गिरावट के साथ 20,653.80 के स्तर पर लुढ़क गया। सबसे ज्यादा घाटा Sun Pharma को हुआ जिसके शेयर्स 6.94% तक नीचे आ गिरे हैं।
सन फार्मा की अमेरिका में टारो फार्मा जैसी कई सब्सिडियरी हैं। इनके जरिए उसने अमेरिका के बाजार में काफी पकड़ बना रखी है, खासकर जेनेरिक दवाइयों के क्षेत्र में। इसी तरह Lupin के शेयर्स 2.5% नीचे, Aurobindo Pharma के 2.12%, Divi's Labs के 1.17% और Glenmark Pharma के 1% की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे थे।
सन फार्मा की तरह ल्यूपिन के लिए भी अमेरिका एक अहम बाजार है जो इसकी आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत है। अमेरिका के अंदर ल्यूपिन फार्मासूटिकल के तीसरे सबसे ज्यादा प्रिस्क्रिप्शन दिए जाते हैं जबकि IPM के मामले में 7वीं सबसे बड़ी कंपनी है।
ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट में ऐलान किया कि अमेरिका में प्रिस्क्रिप्शन दवाइयां बहुत महंगी हैं और वह एक एग्जिक्युटिव ऑर्डर के जरिए इनकी कीमतों को 30% से 80% तक नीचे ले आएंगे।
ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट में ऐलान किया कि अमेरिका में प्रिस्क्रिप्शन दवाइयां बहुत महंगी हैं और वह एक एग्जिक्युटिव ऑर्डर के जरिए इनकी कीमतों को 30% से 80% तक नीचे ले आएंगे।
ट्रंप ने अपने पोस्ट में लिखा कि अमेरिका में कई बार बाकी देशों की तुलना में एक ही जगह, एक ही कंपनी और लैब की बनाई हुई दवाइयां 5 से 10 गुना ज्यादा कीमत पर मिलती हैं। उन्होंने कहा कि फार्मा कंपनियां दावा करती रहीं कि ये रिसर्च और डिवेलपमेंट की कीमत थी।
उन्होंने कहा कि वह वाइट हाउस में इसके लिए एक एग्जिक्युटिव ऑर्डर साइन करने जा रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि इससे अमेरिकी नागरिकों को दवाइयों की कम कीमत चुकानी होगी और अमेरिका के कई ट्रिलियन डॉलर बचेंगे।
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