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3 min read | अपडेटेड February 13, 2025, 12:20 IST
सारांश
Kotak Mahindra Bank Share Price: Kotak Mahindra Bank पर पिछले 9 महीने से भी ज्यादा समय से प्रतिबंध लगे थे जिन्हें बुधवार को RBI ने हटा लिया है। बैंक पर टेक्नॉलजी से जुड़ी चिंताओं के चलते कारोबारी प्रतिबंध लगाए गए थे।
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9 महीने से ज्यादा से लगे थे प्रतिबंध।
Kotak Mahindra Bank के शेयर्स गुरुवार, 13 फरवरी को 52 हफ्तों में अपने सबसे उच्चस्तर पर जा पहुंचे। एक दिन पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India, RBI) ने बैंक के ऊपर डिजिटल ऑपरेशन्स को लेकर लगे प्रतिबंध हटा दिए थे। इससे निवेशकों के बीच में बैंक के स्टॉक को लेकर सकारात्मक ट्रेंड दिखाई देने लगा है।
गुरुवार सुबह शुरुआती कारोबार में बैंक के शेयर 1.37% की बढ़त के साथ ₹1,969.90 पर ट्रेड कर रहे थे। इन्होंने 52 हफ्तों में सबसे ऊच्चस्तर ₹1,987.55 प्रति शेयर के भाव को भी छुआ। इसके बाद दोपहर 12:05 बजे ये 1.60% की बढ़त के साथ ₹1,975.10 पर भी उछल गए थे।
Kotak Mahindra Bank पर पिछले 9 महीने से भी ज्यादा समय से प्रतिबंध लगे थे जिन्हें बुधवार को RBI ने हटा लिया है। बैंक पर टेक्नॉलजी से जुड़ी चिंताओं के चलते कारोबारी प्रतिबंध लगाए गए थे।
RBI ने इन्हें हटाते हुए कहा कि वह निजी क्षेत्र के बैंक द्वारा किए गए सुधारात्मक उपायों से ‘संतुष्ट’ है, और उसे नए क्रेडिट कार्ड जारी करने के साथ-साथ ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनलों के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने की अनुमति दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि Kotak Mahindra Bank ने एक बाहरी सलाहकार से थर्ड पार्टी इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी ‘IT’ ऑडिट कराया था। इसके अलावा बैंक ने दूसरे भी कई सलूशन निकाले हैं।
पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल में RBI ने सुपरवाइजरी प्रतिबंधों के रूप में कई संस्थाओं पर व्यावसायिक प्रतिबंध लगाया था। इनमें निजी क्षेत्र के सबसे बड़े लेंडर HDFC बैंक पर मार्च, 2022 तक लगभग 15 महीने के प्रतिबंध लगाना भी शामिल है।
RBI के अनुसार इस तरह के आदेश से पहले महीनों तक पत्राचार, चेतावनियां और बैठकें होती हैं। ये कदम सुधारात्मक उपाय के रूप में उठाए जाते हैं।
दास के उत्तराधिकारी संजय मल्होत्रा ने अपनी पहली मौद्रिक नीति समीक्षा (Monetary Policy Review) में बैंकों द्वारा नुकसानदेह माने जाने वाले नियामकीय पहलुओं पर नरम रुख अपनाने का संकेत दिया था और स्पष्ट कर दिया था कि वे इसका उपयोग जरूरत पड़ने पर ही करेंगे।
MPC रिपोर्ट में करीब 5 साल बाद पहली बार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट दरों में कटौती भी की थी। गवर्नर मल्होत्रा ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया था कि कमिटी की बैठक में रेपो रेट को 6.5% से 25 बेसिस पॉइंट कम करके 6.25% करने का फैसला किया गया।
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