मार्केट न्यूज़

4 min read | अपडेटेड December 09, 2025, 14:41 IST
सारांश
केन टेक्नोलॉजी के शेयरों में चार दिन की भारी गिरावट के बाद आज तेजी देखी गई। कंपनी ने कोटक की रिपोर्ट में उठाए गए सवालों पर सफाई दी है। मैनेजमेंट ने कर्ज और डिस्क्लोजर को लेकर स्थिति स्पष्ट की, जिससे निवेशकों का भरोसा लौटा है। यह शेयर तकनीकी रूप से काफी गिर चुका था।
शेयर सूची

Kaynes Technology के शेयर करीब 30 फीसदी की गिरावट के बाद संभलते दिख रहे हैं। | Image: Shutterstock
पिछले चार दिनों से शेयर बाजार में चर्चा का विषय बनी केन टेक्नोलॉजी (Kaynes Technology) के निवेशकों ने मंगलवार को राहत की सांस ली है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के बाद कंपनी के शेयर ताश के पत्तों की तरह बिखर गए थे और महज चार दिनों में निवेशकों की करीब 30 फीसदी दौलत साफ हो गई थी। लेकिन आज इस गिरावट पर ब्रेक लग गया और शेयर में अच्छी रिकवरी देखने को मिली। इस यू-टर्न की सबसे बड़ी वजह कंपनी के मैनेजमेंट द्वारा सामने आकर दी गई सफाई है। मैनेजमेंट ने उन सभी गंभीर सवालों का जवाब दिया है जो कोटक की रिपोर्ट में उठाए गए थे। कंपनी ने स्वीकार किया कि उनसे कुछ चूक हुई थी, लेकिन साथ ही उन्होंने अपने बिजनेस की मजबूती को लेकर भी स्थिति साफ की है।
निवेशकों के मन में सबसे बड़ा डर कंपनी के खातों में पारदर्शिता को लेकर था। कोटक ने आरोप लगाया था कि वित्त वर्ष 2025 के डिस्क्लोजर में विसंगतियां हैं। इस पर केन टेक्नोलॉजी ने 5 दिसंबर को एक्सचेंज को बताया कि स्टैंडअलोन वित्तीय विवरणों में कुछ लेनदेन का खुलासा नहीं हो पाया था, जो कि एक मानवीय भूल (Oversight) थी। हालांकि कंपनी ने जोर देकर कहा कि भारतीय अकाउंटिंग मानकों के हिसाब से कंसोलिडेटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में इन लेनदेन को सही तरीके से दिखाया गया था और एलिमिनेट किया गया था। मैनेजमेंट ने भरोसा दिलाया है कि इस गलती को सुधार लिया गया है और भविष्य में इसका ध्यान रखा जाएगा।
रिपोर्ट में दूसरा बड़ा मुद्दा कंपनी की बढ़ती आकस्मिक देनदारियों (Contingent Liabilities) का था, जो बढ़कर 520 करोड़ रुपये हो गई थीं। यह कंपनी की नेट वर्थ का करीब 18 फीसदी है। इस पर मैनेजमेंट ने स्पष्ट किया कि यह बढ़ोतरी हाल ही में किए गए 'इस्कराइमेको' (Iskraemeco) के अधिग्रहण के कारण हुई है। कंपनी को प्रोजेक्ट्स चलाने के लिए फंडिंग की जरूरत थी। इसमें करीब 96.8 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस बैंक गारंटी और अपनी सहायक कंपनियों के लिए दी गई 132.5 करोड़ रुपये की कॉरपोरेट गारंटी शामिल है। मैनेजमेंट का कहना है कि बिजनेस बढ़ाने के लिए यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
कोटक की रिपोर्ट में एक और बड़ा दावा किया गया था कि कंपनी की औसत उधारी लागत (Borrowing Cost) 17.7 फीसदी है, जो बाजार के हिसाब से बहुत ज्यादा है। इस आंकड़े ने निवेशकों को डरा दिया था। केन टेक्नोलॉजी ने इस दावे का खंडन करते हुए असली तस्वीर पेश की है। कंपनी ने कहा कि कोटक की गणना में बिल डिस्काउंटिंग के प्रभाव को सही से नहीं समझा गया। अगर बिल डिस्काउंटिंग को शामिल करके देखा जाए, तो उनकी वास्तविक ब्याज लागत लगभग 10 फीसदी के आसपास आती है, जो कि इंडस्ट्री के मानकों के अनुरूप है।
मैनेजमेंट की इस विस्तृत सफाई के बाद बाजार का सेंटिमेंट बदला है। इसके अलावा तकनीकी चार्ट्स पर भी यह शेयर बहुत ज्यादा गिर चुका था। डेटा बताते हैं कि शेयर 'ओवरसोल्ड' जोन में चला गया था, जिसका मतलब है कि बिकवाली जरूरत से ज्यादा हो चुकी थी। रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 9.1 के स्तर पर पहुंच गया था, जो अत्यधिक गिरावट का संकेत है। ऐसे में वैल्यू बाइंग और मैनेजमेंट के भरोसे ने मिलकर शेयर को निचले स्तरों से ऊपर उठाने में मदद की। हालांकि शेयर अभी भी अपने प्रमुख मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार कर रहा है।
संबंधित समाचार
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।
लेखकों के बारे में

अगला लेख
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।