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3 min read | अपडेटेड January 29, 2025, 11:59 IST
सारांश
ITC Hotels: 1 जनवरी को ITC Ltd ने अपना होटेल बिजनेस सब्सिडियरी के हवाले कर दिया। इसके लिए रेकॉर्ड डेट 6 जनवरी की तय की गई थी।
शेयर सूची
होटेल बिजनेस अलग करने से इसमें आने वाला निवेश सीधे सब्सिडियरी को मिलेगा।
ITC Ltd से अलग हुए ITC Hotels के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर बुधवार को ₹180 प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुए। ये ₹260 के इंप्लाइड प्राइस से 30.7% नीचे रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर कंपनी के शेयर 30.3% डिस्काउंट पर ₹188 प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुए जबकि यहां इंप्लाइड प्राइस ₹270 का था।
वहीं, ITC Ltd के शेयर्स सुबह 11:35 बजे 0.85% नीचे ₹431.75 के भाव पर ट्रेड कर रहे थे। ITC से होटेल बिजनेस 1 जनवरी, 2025 को अलग हो गया था और 6 जनवरी को इसके लिए रेकॉर्ड डेट तय किया गया था।
जुलाई 2023 में ITC ने एक नई सब्सिडियरी बनाकर होटेल बिजनेस को अलग करने का ऐलान किया था। इस प्लान को अगस्त में अप्रूवल भी मिल गया था। यह सब्सिडियरी, ITC Hotels Ltd कंपनी के होटेल और हॉस्पिटैलिटी बिजनेस को संभालेगी।
इससे होटेल बिजनेस को लंबे वक्त के लिए स्थिरता मिलेगी जिससे बिजनेस की ग्रोथ को तेज करने के लिए मजबूत नींव तैयार की जा सके। कंपनी ने इसके साथ ही यह भी कहा था कि इससे शेयरधारकों, पार्टनर्स और कर्मचारियों के बीच विश्वास बैठाने की कोशिश भी होगी।
इस स्कीम के तहत कंपनी के हॉस्पिटैलिटी पार्ट्स, जैसे Bay Islands Hotels Ltd, Fortune Park Hotels Ltd, Landbase India Ltd, Srinivasa Resorts Ltd, WelcomHotels Lanka Pvt Ltd, Gujarat Hotels Ltd, International Travel House Ltd और Maharaja Heritage Resorts Ltd ITC होटेल्स के हिस्से में चले जाएंगे और इनके लिए आने वाला कैपिटल निवेश भी ITC Hotels को जाएगा।
डीमर्जर योजना के मुताबिक 6 जनवरी को जिनके नाम आईटीसी के शेयरधारकों की लिस्ट में थे, उन्हें आईटीसी के हर 10 शेयर पर आईटीसी होटेल का एक शेयर मिलेगा।
आईटीसी होटेल आईटीसी के शेयरधारकों को सीधे इक्विटी शेयर जारी करेगा। कंपनी की जानकारी के मुताबिक मौजूदा आईटीसी शेयरधारकों के पास आईटीसी होटेल्स की 100% हिस्सेदारी होगी जिसमें से 60% सीधे और 40% ITC में हिस्सेदारी के जरिए होगी।
भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर कंपनियों में से एक ITC Limited का हेडक्वॉर्टर कोलकाता में है। पहले इंपीरियल टोबैको कंपनी ऑफ इंडिया लि रही कंपनी 24 अगस्त, 1910 को ब्रिटिश कंपनी के तौर पर रजिस्टर हुई थी।
बाद में 1970 में यह इंडिया टोबैको कंपनी लि. और फिर 1974 में ITC लि. बन गई। यह पहले एक तंबाकू ट्रेडर के तौर पर बनी थी। आज FMCG, होटेल्स, पैकेजिंग, ऐग्री-बिजनेस और इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी सेक्टर में इसकी पकड़ है।
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