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Gensol Engineering Share Price: SEBI की जांच में घिरी जेनसोल के शेयर्स पर लगा 5% लोअर सर्किट, क्या है पूरा मामला?

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 21, 2025, 13:52 IST

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सारांश

Gensol Engineering 5% Lower Circuit: SEBI की जांच के घेरे में उलझी जेनसोल इंजिनियरिंग के शेयर्स सोमवार को लुढ़कते चले गए। कंपनी कॉर्पोरेट गवर्नांस के नियमों के उल्लंघन को लेकर जांच का सामना कर रही है। SEBI ने कंपनी के डायरेक्टर्स को भी सिक्यॉरिटीज मार्केट से दूर रहने को कहा है।

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Gensol Engineering के पुणे प्लांट पर NSE के अधिकारी की जांच में मैन्युफैक्चरिंग ऐक्टिविटी नहीं पाई गई।

Gensol Engineering के पुणे प्लांट पर NSE के अधिकारी की जांच में मैन्युफैक्चरिंग ऐक्टिविटी नहीं पाई गई।

Gensol Engineering Share Price: सोलर प्रॉजेक्ट्स से जुड़ी इंजिनियरिंग सर्विसेज देने वाली कंपनी Gensol Engineering की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कॉर्पोरेट गवार्नांस के नियमों के उल्लंघन को लेकर सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Securities and Exchange Board of India, SEBI) के निशाने पर आई Gensol Engineering के शेयर्स सोमवार को 5% नीचे लुढ़क गए और लोअर सर्किट लग गया।

BSE पर कंपनी का शेयर सोमवार को 4.98% गिरकर 111.65 रुपये पर आ गया - जो इसकी सबसे कम कारोबार अनुमेय सीमा और 52 सप्ताह का सबसे निचला स्तर है। वहीं, NSE पर यह 5% गिरकर 110.71 रुपये पर आ गया, जो कि निचला सर्किट और 52 सप्ताह का निचला स्तर है।

यह शेयर 1,125.75 रुपये के अपने 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर से अब 90 प्रतिशत नीचे आ चुका है। पिछले हफ्ते बुधवार और गुरुवार को भी कंपनी के शेयर ने निचले सर्किट की सीमा को छुआ था।

पिछले हफ्ते मंगलवार को SEBI ने अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक सिक्यॉरिटीज मार्केट में प्रवेश करने से रोक दिया था। दरअसल आरोप है कि कंपनी के लोन की राशि को निजी इस्तेमाल के लिए निकाला गया था जिसके बाद कंपनी जांच के घेरे में आ गई है।

क्या है मामला?

पिछले साल जून 2024 में SEBI को शेयर की कीमत में हेरफेर और Gensol से पैसे की हेराफेरी से जुड़ी शिकायत मिली थी जिसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई थी। SEBI ने Gensol Engineering को 1:10 के अनुपात में शेयर विभाजन (Share Splitting) की अपनी योजना को स्थगित करने का निर्देश दिया।

SEBI की जांच में क्या मिला?

एक दिन पहले रविवार को SEBI ने बताया था कि 9 अप्रैल को NSE के एक अधिकारी ने पुणे स्थित Gensol Engineering के इलेक्ट्रिक वाहन (EV) प्लांट का दौरा किया तो उसे ‘कोई विनिर्माण गतिविधि’ देखने नहीं मिली और वहां केवल दो-तीन मजदूर मौजूद थे।

NSE अधिकारी ने इकाई के बिजली बिलों की डीटेल्स मांगीं और यह पाया गया कि पिछले 12 महीनों के दौरान महावितरण द्वारा बिल की गई अधिकतम राशि दिसंबर, 2024 के लिए 1,57,037.01 रुपये थी।

SEBI ने 15 अप्रैल को जारी अपने अंतरिम आदेश में कहा कि इसलिए, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इस प्लांट पर कोई विनिर्माण गतिविधि नहीं हुई है, जो कि पट्टे पर दी गई संपत्ति है।

SEBI की जांच के दायरे में आने के बाद कंपनी के स्वतंत्र निदेशक अरुण मेनन ने इस्तीफा दे दिया था।

लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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