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4 min read | अपडेटेड November 04, 2025, 13:32 IST
सारांश
अडानी पोर्ट्स ने दूसरी तिमाही के शानदार नतीजे जारी किए हैं। कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 27.2% बढ़कर 3,109 करोड़ रुपये हो गया है। इसी दौरान कंपनी की रेवेन्यू भी 29.7% बढ़कर 9,167.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।
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Adani Ports के नतीजे आए सामने | Shutterstock
Adani Ports Q2 Results: अडानी ग्रुप की अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2025) के नतीजे जारी कर दिए हैं। कंपनी ने इस तिमाही में उम्मीद के मुताबिक शानदार प्रदर्शन किया है। अडानी पोर्ट्स ने मुनाफे और कमाई (रेवेन्यू) दोनों मोर्चों पर डबल डिजिट की दमदार बढत दर्ज की है। कंपनी का यह शानदार प्रदर्शन उसके मजबूत ऑपरेशनल मैनेजमेंट और बढते कार्गो ट्रैफिक को दिखा रहा है।
अडानी पोर्ट्स की तरफ से शेयर बाजार को दी गई जानकारी के अनुसार, सितंबर 2025 को समाप्त हुई तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 27.2 प्रतिशत बढ़ा है। यह बढकर 3,109 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। पिछले साल की इसी तिमाही में यानी जुलाई-सितंबर 2024 में कंपनी को 2,445 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। वहीं, कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 29.7 प्रतिशत बढ़ा है। यह 7,067 करोड़ रुपये से बढ़कर 9,167.5 करोड़ रुपये हो गया है। यह आंकड़े दिखाते हैं कि कंपनी ने अपने कारोबार का तेजी से विस्तार किया है और पोर्ट्स पर ट्रैफिक बढाने में सफल रही है। 9000 करोड़ के पार का यह आंकड़ा कंपनी के मजबूत बिजनेस मोमेंटम को बता रहा है।
कंपनी के ऑपरेशनल परफार्मेंस की बात करें तो अडानी पोर्ट्स का EBITDA भी 27 प्रतिशत बढ़ा है। यह 4,369 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,548 करोड़ रुपये हो गया है। यह कंपनी की ऑपरेशनल मजबूती को दिखाता है कि कंपनी अपने मुख्य कारोबार से कितना पैसा बना रही है। हालांकि, इस शानदार प्रदर्शन के बीच कंपनी के मार्जिन पर हल्का सा दबाव देखने को मिला है। दूसरी तिमाही में कंपनी का EBITDA मार्जिन 60.5 प्रतिशत रहा। जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 61.8 प्रतिशत था। मार्जिन में यह मामूली गिरावट आई है, लेकिन 60 प्रतिशत से ऊपर का मार्जिन अभी भी इंडस्ट्री में काफी बेहतर माना जाता है। इसका मतलब है कि कंपनी अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा मुनाफे के तौर पर बचाने में कामयाब रही है।
इन शानदार नतीजों के साथ, 4 नवंबर 2025 को हुई बोर्ड मीटिंग में अडानी पोर्ट्स के बोर्ड ने एक बड़े फैसले को भी मंजूरी दी है। कंपनी अपनी 100% हिस्सेदारी वाली सब्सिडियरी कंपनी 'अडानी हार्बर सर्विसेज लिमिटेड' (AHSL) का खुद में विलय (Amalgamation) करेगी। कंपनी के मुताबिक, इस विलय का मकसद कंपनियों की संख्या को कम करना, कामकाज में तालमेल (synergies) बढ़ाना और ऑपरेशनल कुशलता को बेहतर बनाना है। क्योंकि AHSL पूरी तरह से APSEZ की ही कंपनी है, इसलिए इस विलय में कोई कैश या शेयर का लेन-देन नहीं होगा और न ही कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न में कोई बदलाव आएगा। इस विलय के लिए अभी NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) और दूसरी जरूरी मंजूरियां लेनी बाकी हैं।
अडानी पोर्ट्स ने पिछले साल आई शॉर्ट सेलर रिपोर्ट (SSR) के मामले पर भी एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। कंपनी ने बताया कि सेबी (SEBI) ने 18 सितंबर, 2025 को दो 'कारण बताओ नोटिस' (SCNs) पर अपना फैसला सुनाया। यह नोटिस रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन से जुड़े थे। कंपनी के अनुसार, सेबी को इन मामलों में कोई भी गड़बड़ी या नियमों का उल्लंघन (non-compliance) नहीं मिला है। इसके साथ ही सेबी ने इन मामलों को बिना किसी पेनाल्टी (जुर्माना) के बंद कर दिया है।
इसके अलावा, कंपनी ने अमेरिका में एक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के खिलाफ चल रहे US DOJ (डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस) और US SEC (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन) के मामले पर भी सफाई दी। कंपनी ने साफ किया कि इन मामलों में कंपनी (APSEZ) का नाम नहीं है और न ही इसका कंपनी के फाइनेंशियल रिजल्ट पर कोई असर पड़ा है।
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