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IPO में निवेश से पहले कंपनी की प्रोफाइल, फाइनेंशियल परफॉर्मेंस, वैल्यूएशन, प्रमोटर्स, रिस्क फैक्टर्स और सेक्टर आउटलुक को समझना जरूरी है।
बिजनेस मॉडल, कंपटीशन और ग्रोथ पोटेंशियल को जांचें। कंपनी किस सेक्टर में काम करती है और उसका भविष्य कैसा दिखता है?
पिछले 3-5 वर्षों के रेवेन्यू, प्रॉफिट, मार्जिन और कर्ज के आंकड़ों को देखें। कंपनी की ग्रोथ स्टेबल है या अस्थिर, यह भी जांचें।
IPO प्राइस की अन्य लिस्टेड कंपनियों से तुलना करें। P/E और EPS को देखकर उचित वैल्यूएशन तय करें।
प्रमोटर्स का अनुभव, उनकी हिस्सेदारी और कंपनी को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को समझें। मजबूत मैनेजमेंट ग्रोथ में मदद करता है।
IPO से जुटाई गई पूंजी का उपयोग विस्तार, कर्ज चुकाने या अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है, यह समझना जरूरी है।
कंपनी और सेक्टर से जुड़े संभावित जोखिमों को DRHP में देखें। कानूनी विवाद, रेगुलेटरी चैलेंज और मार्केट रिस्क को समझें।
बड़े निवेशकों की भागीदारी देखना जरूरी है। अगर मजबूत इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स दिलचस्पी ले रहे हैं, तो यह पॉजिटिव संकेत हो सकता है।
जिस सेक्टर में कंपनी काम कर रही है, उसकी ग्रोथ संभावना और सरकार की नीतियों को देखें। मजबूत सेक्टर में निवेश से बेहतर रिटर्न मिलता है।