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3 min read | अपडेटेड April 30, 2025, 08:24 IST
सारांश
IndusInd Bank CEO Sumant Kathpalia: प्राइवेट सेक्टर की IndusInd Bank के एमडी और सीईओ सुमंत कठपालिया ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बैंक ने मार्च में अकाउंटिंग में गड़बड़ी की जानकारी दी थी जिसके बाद एक-एक करके शीर्ष अधिकारियों के पद छोड़ने का सिलसिला जारी है।
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RBI ने मार्च में IndusInd Bank को दिया था चौथी तिमाही में गड़बड़ी सुधारने का निर्देश।
IndusInd Bank ने शेयर बाजार को बताया कि उसके MD और CEO कठपालिया ने 29 अप्रैल, 2025 को अपने पत्र के माध्यम से बैंक से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा 29 अप्रैल, 2025 को कामकाजी घंटों के खत्म होने के बाद से प्रभावी है।
कठपालिया ने बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को दिए इस्तीफे में कहा, 'मैं नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं, क्योंकि मेरे संज्ञान में विभिन्न कमीशन/चूक के कार्य लाए गए हैं। मैं अनुरोध करता हूं कि मेरे इस्तीफे को आज कामकाजी घंटों की समाप्ति पर स्वीकार किया जाए।'
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India, RBI) ने मार्च में ही कठपालिया को MD-CEO के पद पर एक्सटेंशन भी दिया था। इसके पहले भी एक बार RBI ने कठपालिया को एक साल का एक्सटेंशन दिया था। उन्हें फुल टर्म के लिए पदभार नहीं सौंपा गया था।
कठपालिया मार्च 2020 से IndusInd बैंक के मुखिया थे। सितंबर 2024 में बोर्ड ने कठपालिया को पद पर तीन साल के लिए दोबारा चुना था और उनका कार्यकाल मार्च 2025 से 2028 तक रहना था।
वहीं, 2023 में RBI ने कठपालिया को दो साल के एक्सटेंशन की इजाजत दी थी जबकि बैंक बोर्ड ने तीन साल के लिए उनकी रीअपॉइंटमेंट पर मुहर लगाई थी।
मंगलवार को शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक बोर्ड ने अंतरिम अवधि के लिए बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए एक 'कार्यकारी समिति' गठित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मांगी है।
IndusInd Bank के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी (डेप्युटी CEO) अरुण खुराना ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था। खुराना बैंक के 'ट्रेजरी फ्रंट ऑफिस' के कामकाज की देखरेख करते थे, जहां लेनदेन निष्पादित करने और जोखिम प्रबंधन के लिए बाहरी ग्राहकों और बाजारों के साथ सीधे संपर्क किया जाता है।
खुराना ने सोमवार को बैंक के निदेशक मंडल को भेजे अपने त्यागपत्र में कहा था कि हाल के दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रमों को देखते हुए मैं तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं। उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रमों के तहत आंतरिक फ्यूचर्स और ऑप्शन्स डील्स के लिए गलत अकाउंटिंग के चलते बैंक को हुए नुकसान का जिक्र किया। इसके पहले बैंक के CFO भी इस्तीफा दे चुके हैं।
पिछले महीने, 10 मार्च को IndusInd Bank ने जानकारी दी थी कि उसकी अकाउंटिंग में गलती का पता चला है। बैंक ने बताया था कि उसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में कुछ अनियमितताएं पाई गई हैं जिनका बैंक की 2.25% नेट संपत्ति पर नकारात्मक असर पड़ा है।
इसकी जांच के लिए बैंक ने 20 मार्च को एक इंडिपेंडेंट प्रफेशनल कंपनी को काम पर लगाया था और आंतरिक जांच में पाई गई जानकारी को जांचने का जिम्मा दिया था।
बीते रविवार बैंक ने जानकारी दी कि इस कंपनी ने भी अपनी जांच में ₹1,959.98 करोड़ के नुकसान की बात कही है। वहीं, मार्च में RBI ने बैंक के हालात को लेकर आश्वासन जताते हुए कहा था कि IndusInd के पास कैपिटल पर्याप्त है और यह वित्तीय रूप से स्थिर भी है।
साथ ही यह भी बताया गया था कि IndusInd Bank के बोर्ड और मैनेजमेंट को रिजर्व बैंक की ओर से निर्देश दिया गया है कि वे सभी हितधारकों को आवश्यक खुलासे करने के बाद, जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान पूरी तरह से सुधारात्मक कार्रवाई पूरी कर लें।
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