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3 min read | अपडेटेड April 02, 2025, 17:08 IST
सारांश
NCAER DG Poonam Gupta: केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के डेप्युटी गवर्नर के पद के लिए पूनम गुप्ता को चुना है। गुप्ता माइकल पात्रा की जगह लेंगी जिनका कार्यकाल जनवरी में पूरा हो गया था। इस पद के लिए आवेदन नवंबर 2024 में मांगे गए थे। गुप्ता फिलहाल NCAER की डायरेक्टर जनरल हैं और पहले IMF, वर्ल्ड बैंक में काम कर चुकी हैं।
NCAER की महानिदेशक पूनम को भारतीय रिजर्व बैंक के डेप्युटी गवर्नर के पद के लिए चुना गया है। (तस्वीर: Shutterstock, X @nacer)
केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के डेप्युटी गवर्नर के पद के लिए पूनम गुप्ता के नाम पर मुहर लगा दी है। प्रतिष्ठित शोध संस्थान नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लॉयड इकनॉमिक रिसर्च (NCAER) की महानिदेशक पूनम गुप्ता तीन साल के लिए RBI के डेप्युटी गवर्नर का पदभार संभालेंगी।
गुप्ता माइकल देबव्रत पात्रा की जगह लेंगे जिन्होंने जनवरी में अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद पद छोड़ दिया था। इसके बाद से यह पद खाली हो गया था। इसे भरने के लिए नवंबर 2024 में ही सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर आवेदन मांगे थे।
पीटीआई-भाषा ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने गुप्ता की आरबीआई में डेप्युटी गवर्नर पद पर नियुक्ति को उनके कार्यभार संभालने की तारीख से तीन साल के लिए मंजूरी दी है।
रिजर्व बैंक के 4 डेप्युटी गवर्नर हैं जिनमें से दो अमूमन बैंक के अंदर से ही प्रमोशन के बाद इस पद पर पहुंचते हैं जबकि बाकी दोनों को बाहर से अपॉइंट किया जाता है। ज्यादातर किसी कमर्शल बैंकर और इकॉनमिस्ट को चुना जाता है।
वर्तमान में, गुप्ता एनसीएईआर की महानिदेशक हैं। वह प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य और 16वें वित्त आयोग की सलाहकार परिषद की संयोजक भी हैं।
वॉशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (International Monetary Fund, IMF) और विश्व बैंक (World Bank) में लगभग दो दशक तक वरिष्ठ पदों पर काम करने के बाद वह 2021 में एनसीएईआर में शामिल हुईं।
गुप्ता ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड (अमेरिका) में पढ़ाया और आईएसआई (भारतीय सांख्यिकी संस्थान), दिल्ली में ‘विजिटिंग फैकल्टी’ के रूप में काम किया।
वह राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (एनआईपीएफपी) में आरबीआई चेयर प्रोफेसर और आईसीआरआईईआर में प्रोफेसर भी रही हैं।
गुप्ता के पास अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नात्कोत्तर डिग्री और पीएचडी तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र पर पीएचडी के लिए 1998 में एक्जिम बैंक पुरस्कार जीता था।
माइकल पात्रा ने रिजर्व बैंक में करीब 30 साल काम किया था। उन्होंने मॉनिटरी पॉलिसी फ्रेमवर्क में अहम योगदान दिया है। जनवरी 2020 में उन्हें डेप्युटी गवर्नर बनाया गया था। 2023 में उनका कार्यकाल एक साल बढ़ाया गया था।
पात्रा मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर समेत कई अहम पदों पर रह चुके हैं। पात्रा अकेले ऐसे कमिटी सदस्य हैं जो 2016 में इसकी शुरुआत से ही इससे जुड़े हैं और वह उरिजीत पटेल कमिटी के भी सदस्य रहे हैं जिसने महंगाई दर को टारगेट करने वाला फ्रेमवर्क और 6 सदस्यों वाला MPC स्ट्रक्चर बनाया।
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