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3 min read | अपडेटेड May 09, 2025, 09:39 IST
सारांश
US-UK Trade Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर ने दोनों देशों के बीट व्यापार समझौते को लेकर सहमति जताई है। इसके तहत ट्रंप के टैरिफ से ब्रिटेन को राहत मिली है। हालांकि, 10% बेसलाइन टैरिफ लागू रहेगा। ट्रंप ने यह भी साफ किया है कि दूसरे देशों के साथ ट्रेड डेफिसिट ज्यादा होने के चलते उनके ऊपर ज्यादा टैरिफ लगेगा।
अमेरिका और ब्रिटेन के बीच टैरिफ पर समझौते से स्टील, ऑटो जैसे सेक्टर्स को रियायत दी गई है। (तस्वीर: X@Keir_Starmer/फाइल फोटो)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए हुए टैरिफ से राहत पाने की ब्रिटेन की उम्मीदें आखिरकार पूरी हुई हैं। गुरुवार 8 मई को दोनों देशों ने व्यापारिक समझौते पर सहमति कायम की जिसे ट्रंप और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर ने ‘ऐतिहासिक’ करार दिया है। दोनों नेताओं ने फोन पर इस डील को लेकर चर्चा की।
इस डील के तहत ब्रिटेन के कुछ उत्पादों पर टैरिफ को कम करने के लिए अमेरिका तैयार है। हालांकि, 10% का बेसलाइन टैरिफ अभी भी लागू रहेगा। ट्रंप ने यह भी दो टूक कहा कि दूसरे देशों के लिए इस तरह की रियायत देने की संभावना मुश्किल है।
ट्रंप ने इस व्यापार समझौते के तहत ब्रिटेन के वाहन, स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर शुल्क कम करने और अमेरिका से ब्रिटेन को अधिक बीफ (गोमांस) खरीदे जाने पर सहमति जताई है। समझौते के तहत, ब्रिटेन का वाहन पर शुल्क एक कोटा के तहत 27.5% से घटकर 10% रह जाएगा जिसके लिए कोटा एक लाख गाड़ियों का तय किया गया है जबकि स्टील और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क 25% से घटकर शून्य हो जाएगा।
साथ ही 10% के बेसलाइन टैरिफ को कम बताते हुए ट्रंप ने कहा कि दूसरे देशों पर ज्यादा टैरिफ लगेगा क्योंकि अमेरिका का उनके साथ ट्रेड डेफिसिट ज्यादा है और कई मामलों में इन देशों ने अमेरिका के साथ सही व्यवहार नहीं किया है।
कॉमर्स सेक्रटरी हावर्ड लटनिक ने यह भी बताया कि ब्रिटेन की एक कंपनी बोईंग से $10 डॉलर के एयरक्राफ्ट खरीदेगी। वहीं, ब्रिटेन भी ऑलिव ऑइल, वाइन और स्पोर्ट्स उपकरणों जैसे 2,500 उत्पादों पर टैरिफ कम करके औसतन 1.8% तक नीचे लाएगा।
अमेरिका और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते की कोशिशें लंबे वक्त से चल रही थीं। खासकर ब्रिटेन के साल 2016 में यूरोपियन से अलग होने के बाद से इनमें तेजी आई थी। साल 2020 से दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू हुई जब ट्रंप राष्ट्रपति थे।
हालांकि, ब्रेग्जिट के आलोचक पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान ये समझौता ठंडे बस्ते में चला गया। ट्रंप के इस साल गद्दी पर वापस लौटने के साथ दोनों देश एक बार फिर वार्ता शुरू कर सके हैं।
ट्रंप ने अप्रैल की शुरुआत में ब्रिटेन समेत कई देशों पर अधिक सीमा शुल्क लगाने की घोषणा की थी जिसे कुछ दिनों बाद ही स्थगित कर दिया गया था। उसके बाद से ही अमेरिका विभिन्न देशों के साथ व्यापार समझौतों को तेजी से पूरा करने में लगा हुआ है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ब्रिटेन का जिक्र करते हुए कहा कि वे देश को खोल रहे हैं। यह देश थोड़ा बंद है। ट्रंप ने कहा कि यह समझौता ब्रिटेन की सीमा शुल्क प्रक्रिया के माध्यम से अमेरिकी वस्तुओं को तेजी से आगे बढ़ाता है।
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