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3 min read | अपडेटेड March 20, 2025, 08:10 IST
सारांश
US Fed Interest Rates: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती ना करने का फैसला किया है। फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने बताया है कि आने वाले वक्त में देश की आर्थिक वृद्धि धीमी हो सकती है और महंगाई के बढ़ने की आशंका है।
फेडरल रिजर्व प्रमुख जेरोम पॉवेल ने आगे कटौती के दिए संकेत।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक का ब्याज दरों पर फैसला सामने आ गया है। US फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हालांकि, देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता की आशंका जताई है।
पहले की तरह इस बार भी साल में आगे ब्याज कटौती के संकेत दिए गए हैं। वहीं, रिजर्व ने देश में महंगाई बढ़ने और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी होने की संभावना भी जाहिर की है।
रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) ने फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) के फैसले का ऐलान करते हुए बताया कि कि ब्याज दरें 4.25%-4.50% की रेंज में ही रहेंगी। इसके अलावा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के चलते आर्थिक स्थिति पर अनिश्चितता से भी इनकार नहीं किया है।
रिजर्व के मुताबिक कमिटी आने वाले डेटा, जोखिम और बदलते हुए परिदृश्य के आधार पर फेडरल रेट्स की कटौती का फैसला करेगी। हालिया संकेत बताते हैं कि देश में आर्थिक गतिविधियों में विस्तार रहा है। बेरोजगारी दर पिछले कुछ महीनों में निचले स्तर पर स्थिर रही है। हालांकि, मुद्रास्फीति दर बढ़ी हुई है।
इसके अलावा रिजर्व ने पहले के अपने अनुमान को दोहराया है कि 2025 में दो बार ब्याज दरों को कम किया जा सकता है। आर्थिक वृद्धि में सुस्ती और महंगाई दर को कम करने के लिए करीब 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती होने की संभावना है।
दिसंबर में रिजर्व ने महंगाई दर के 2.5% पर रहने का अनुमान लगाया था जिसे मार्च के अपडेट में बढ़ाकर 2.7% कर दिया गया है। रिजर्व का कहना है कि वह इसे 2% पर रखने के लिए काम कर रहा है।
वहीं, अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि के फोरकास्ट को भी 2.1% से घटाकर 1.7% कर दिया गया है। यह भी आशंका जताई है कि साल के आखिर तक बेरोजगारी दर कुछ हद तक ऊपर जा सकती है।
राष्ट्रपति ट्रंप के एक के बाद एक टैरिफ के ऐलान के बाद से देश की अर्थव्यवस्था में अनिश्चतता की स्थिति बनी हुई है। व्यापार संबंधों पर चिंतित व्यापारी और निवेशक सोच-समझकर फैसला करने का इंतजार कर रहे हैं। पॉवेल का भी कहना है कि टैरिफ के महंगाई पर असर को बताना थोड़ा मुश्किल है।
एबीसी न्यूज के मुताबिक फेड प्रमुख ने अर्थव्यवस्था के सामने चुनौतियों का जिक्र करते हुए व्यापार, इमिग्रेशन, वित्तीय पॉलिसी और रेग्युलेशन पर ट्रंप प्रशासन के अहम बदलावों की ओर इशारा किया।
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