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3 min read | अपडेटेड May 08, 2025, 09:06 IST
सारांश
Federal Reserve Benchmark Rates: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने फैसला किया है कि फिलहाल बेंचमार्क दरों में फेरबदल नहीं किया जाएगा। फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने फेडरल ओपन मार्केट कमिटी के फैसले का ऐलान करते हुए बताया कि टैरिफ के कारण इकॉनमी के सामने खड़ी अनिश्चितता, महंगाई और बेरोजगारी दर पर फोकस बना हुआ है लेकिन ब्याज दरों को जस-का-तस की रखा गया है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व प्रमुख जेरोम पॉवेल ने किया साफ, फिलहाल बेंचमार्क दरों में कोई बदलाव नहीं। (तस्वीर: PTI/AP)
ट्रंप के दुनियाभर के देशों पर ताबड़तोड़ टैरिफ जड़ने से अमेरिकी इकॉनमी में चिंता के बादल मंडराने लगे हैं। फेड और एक्सपर्ट्स ने टैरिफ के चलते महंगाई और बेरोजगारी में इजाफा होने की चिंता जाहिर की है। इसलिए पहले से इस बात के अनुमान लगाए जा रहे थे कि फेड टैरिफ के कारण बढ़ी अनिश्चितता को देखते हुए ब्याज दरों में फेरबदल नहीं करेगा।
पॉवेल ने भी जोर दिया है कि अमेरिकी इकॉनमी के सामने पैदा हुई अनिश्चितता, आयात पर ऊंचे टैरिफ की वजह से पैदा हुए महंगाई के खतरे के चलते फेड रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करने की जल्दबाजी नहीं कर रहा है और अर्थव्यवस्था के सामने उभर रहे जोखिमों को लेकर सतर्कता बरत रहा है। इसके पहले मार्च में भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था।
फेडरल ओपन मार्केट कमिटी की बैठक के बाद फेड रिजर्व ने फैसला किया है कि बेंचमार्क दरों को 4.25% से 4.5% की रेंज में ही रखा जाएगा। कमिटी ने देश में रोजगार बढ़ाने और मुद्रास्फीति की दर को 2% पर सीमित रखने का इरादा जताया है। कमिटी का कहना है कि आर्थिक परिपेक्ष्य की तस्वीर में अनिश्चितता बढ़ने लगी है और ऐसे में उसके ऊपर बैलेंस बैठाने की जिम्मेदारी है।
कमिटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि नेट एक्सपोर्ट्स पर असर जरूर पड़ा है लेकिन आर्थिक गतिविधियां अच्छी रफ्तार से जारी हैं और बेरोजगारी दर पिछले कुछ महीनों में निचले स्तरों पर स्थिर बनी हुई है। हालांकि, महंगाई में कुछ इजाफा देखा गया है। पॉवेल ने यहां तक कहा कि इस वक्त यह नहीं साफ है कि अर्थव्यवस्था सधी हुई रफ्तार पर चलती रहेगी या बढ़ती हुई अनिश्चितता और महंगाई में उछाल के चलते गिरने लगेगी।
ट्रंप ने पिछले कुछ हफ्तों में फेड रिजर्व और पॉवेल पर निशाने तेज किए थे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि पॉवेल ज्यादा दिन तक अपनी कुर्सी पर नहीं टिकेंगे। हालांकि, बाद उन्होंने अपने सुर बदले और कहा कि पॉवेल को हटाने का उनका कोई इरादा नहीं है लेकिन उम्मीद है कि फेड रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करेगा।
फेड रिजर्व के फैसले का ऐलान होने के बाद एशिया-पैसिफिक बाजारों में मिले-जुले ट्रेंड्स देखे गए। जापान का Nikkei 225 0.25% ऊपर, दक्षिण कोरिया का Kospi 0.21% ऊपर ट्रेड करते नजर आए। हॉन्ग-कॉन्ग का Hang Seng भी 0.24% बढ़त के साथ ट्रेड कर रहा था। भारत में भी शेयर बाजार पर फेड रिजर्व के फैसले के असर पर नजर रहेगी।
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