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3 min read | अपडेटेड April 17, 2025, 09:13 IST
सारांश
Jerome Powell: अमेरिकी फेडरल रिजर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के टैरिफ से खुद परेशान हो गया है। फेड रिजर्व के चेयर जेरोम पॉवेल का कहना है कि इस तरह का बदलाव पहले नहीं देखा गया है और इसका नकारात्मक असर महंगाई दर से लेकर नौकरियों तक पर पड़ सकता है जिससे देश की आर्थिक वृद्धि धीमी पड़ सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐक्शन पर फेडरल रिजर्व चेयर जेरोम पॉवेल की चेतावनी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ताबड़तोड़ टैरिफ लागू कर रहे हैं। पहले इससे बाहर रखे गए चिप और फार्मासूटिकल सेक्टर को लेकर जांच भी शुरू हो गई है। वहीं, चीन पर तो टैरिफ बढ़कर 245% तक पहुंच गया है। ट्रंप के इस ऐक्शन से दुनियाभर के देश तो तनाव में हैं ही, खुद अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के प्रमुख परेशान हो गए हैं।
केंद्रीय बैंक के चेयरपर्सन जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) ने बुधवार को कहा है कि जिस स्तर पर टैरिफ का ऐलान किया गया है, उसकी अपेक्षा नहीं थी। उनका कहना है कि टैरिफ के कारण बढ़ी हुई अनिश्चितता से गहरा आर्थिक संकट हो सकता है। जेरोम ने यहां तक कह डाला कि ट्रंप नीतियों में जो बदलाव ला रहे हैं वे आधुनिक इतिहास में कभी नहीं देखे गए।
जेरोम का कहना है कि केंद्रीय बैंक इस पसोपेश में है कि कैसे मुद्रास्फिति दर को नियंत्रित किया जाए और आर्थिक वृद्धि को सपॉर्ट दिया जाए। उन्होंने आशंका जताई है कि टैरिफ के चलते बैंक के सामने मौजूद लक्ष्यों को हासिल करने में और वक्त लग सकता है।
हालांकि, केंद्रीय बैंक फिलहाल रेट कट को लेकर जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है। पॉवेल का कहना है कि फिलहाल कुछ वक्त रुककर टैरिफ से होने वाले असर को समझा जा सकता है और उसका बाद नीति में बदलाव को लेकर फैसला किया जाएगा।
पॉवेल का कहना कि टैरिफ के कारण कुछ वक्त के लिए ही सही, महंगाई दर में इजाफा हो सकता है। ये असर लंबे वक्त तक के लिए भी जारी रह सकते हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट में एक्सपर्ट इकॉनमिस्ट्स के हवाले से आशंका जताई गई है कि ट्रंप के टैरिफ ना सिर्फ मुद्रास्फीति बल्कि बेरोजगारी को भी बढ़ा सकते हैं जबकि आर्थिक वृद्धि को झटका लग सकता है। खासकर जवाबी शुल्क लगाने से देश की अर्थव्यवस्था को गहरा नुकसान हो सकता है।
अपने पड़ोसी देशों मेक्सिको और कनाडा पर 25% टैरिफ से शुरुआत कर ट्रंप ने पहले भारत समेत दुनियाभर के 60 देशों पर अलग-अलग दरों से टैरिफ जड़ा और खासकर चीन पर जवाबी टैरिफ का हमला तेज कर दिया है। यहां तक कि अब चीन से इंपोर्ट पर 245% टैरिफ का ऐलान कर दिया है।
अमेरिकी ऐक्शन के जवाब में चीन ने 6 तरह की भारी ‘रेयर अर्थ मेटल्स’ और ‘रेयर अर्थ मैग्नेट्स’ के निर्यात पर रोक लगा दी है। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर पड़ सकता है। इस पर अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाया है कि वह जानबूझकर कुछ ज़रूरी हाई-टेक मटेरियल्स की सप्लाई को सीमित कर रहा है जो सैन्य, अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्रीज के लिए बहुत जरूरी होते हैं।
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