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RBI ने रेपो रेट में लगातार दूसरी बार 0.25% की कटौती की है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने और भी कई बड़े फैसले लिए हैं। यहां RBI के 6 बड़े फैसलों के बारे में बताया गया है।
अब खराब कर्ज की सिक्योरिटाइजेशन बाजार के जरिए होगी। RBI ने नया सिस्टम सुझाया, जिससे बैंक निवेशकों को सीधे बेच सकेंगे। इससे NPA घटेगा।
RBI ने को-लेंडिंग सिस्टम को और बड़ा कर दिया है। इसके तहत सभी तरह के लोन और सभी रेगुलेटेड कंपनियां आपस में मिलकर को-लेंडिंग कर सकती हैं। इससे कर्ज देना आसान होगा।
RBI ने घोषणा की कि केंद्रीय बैंक गोल्ड लोन पर व्यापक गाइडलाइन जारी करेगा। इसके तहत बैंकों और NBFCs को ध्यान में रखते हुए नियमों को एक जैसा बनाया जाएगा।
RBI के नए नियम से गारंटी, लेटर ऑफ क्रेडिट जैसी गैर-फंड आधारित सुविधाएं आसान होंगी। इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग को बढ़ावा मिलेगा।
अब NPCI को यह अधिकार होगा कि वो तय कर सके कि UPI से दुकानों को किए जाने वाले पेमेंट की अधिकतम लिमिट क्या होनी चाहिए। यह लिमिट 2 लाख रुपये से ज़्यादा हो सकती है।
RBI अब ऐसा सिस्टम ला रहा है जिससे फिनटेक कंपनियां किसी भी समय नए प्रोडक्ट्स का ट्रायल कर सकेंगी, पहले यह सिर्फ तय समय और थीम पर होता था।
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