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2 min read | अपडेटेड May 05, 2025, 17:58 IST
सारांश
प्रोविजनल डेटा के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में 289 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) लौह अयस्क के प्रोडक्शन ने 4.3% की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2023-24 में हासिल किए गए 277 एमएमटी के प्रोडक्शन रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।
लोहे, मैंगमीज से लेकर एल्युमीनियम प्रोडक्शन तक में दिखी तेजी
फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में रिकॉर्ड प्रोडक्शन लेवल पर पहुंचने के बाद फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में देश में कुछ प्रमुख खनिजों (मिनरल) के प्रोडक्शन में मजबूत तेजी देखी गई है। कीमत के हिसाब से कुल एमसीडीआर मिनरल प्रोडक्शन में लौह अयस्क का योगदान 70% है। प्रोविजनल डेटा के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में 289 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) लौह अयस्क के प्रोडक्शन ने 4.3% की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2023-24 में हासिल किए गए 277 एमएमटी के प्रोडक्शन रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इसी तरह, मैंगनीज अयस्क का उत्पादन भी फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में हासिल किए गए 3.4 एमएमटी के प्रोडक्शन रिकॉर्ड को पार कर गया है।
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में यह 11.8% बढ़कर 3.8 एमएमटी हो गया है। बॉक्साइट का प्रोडक्शन भी फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 24 एमएमटी से 2.9% बढ़कर फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में 24.7 एमएमटी हो गया है। इसी पीरियड के दौरान, सीसा सांद्रण (lead concentrate) प्रोडक्शन 3.1% वृद्धि के साथ 381 हजार टन (टीएचटी) से बढ़कर 393 टीएचटी हो गया। गैर लौह धातु सेक्टर में फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में प्राइमरी एल्युमीनियम प्रोडक्शन ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के प्रोडक्शन रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।
फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में प्राइमरी एल्युमीनियम प्रोडक्शन 41.6 लाख टन (एलटी) था, फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के दौरान यह बढ़कर 42 एलटी हो गया। रिफाइंड कॉपर प्रोडक्शन में 12.6% की जोरदार तेजी देखी गई। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में यह 5.09 एलटी था, जो फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में बढ़कर 5.73 एलटी हो गया। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक, रिफाइंड कॉपर में टॉप 10 उत्पादकों में से एक और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक है।
चालू फाइनेंशियल ईयर में लौह अयस्क के उत्पादन में निरंतर वृद्धि उपयोगकर्ता उद्योग यानी स्टील में मजबूत मांग की स्थिति को दर्शाती है। एल्युमीनियम और तांबे में वृद्धि के साथ, ये वृद्धि रुझान ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, कंस्ट्रक्शन, ऑटोमोटिव और मशीनरी जैसे उपयोगकर्ता सेक्टर्स में निरंतर मजबूत आर्थिक गतिविधि की ओर इशारा करते हैं।
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