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6 min read | अपडेटेड December 05, 2025, 11:01 IST
सारांश
RBI MPC Meeting Live: रिजर्व बैंक की तीन दिन से चल रही बैठक आज खत्म हो रही है। महंगाई में गिरावट और जीडीपी में तेजी को देखते हुए रेट कट की उम्मीद है। इस साल पहले भी दरें घट चुकी हैं। आज के फैसलों का लाइव अपडेट और आपकी जेब पर इसका असर यहां पढ़ें।

RBI MPC बैठक में ब्याज दर को कम करने का फैसला लिया गया है।
RBI MPC Meeting Live: भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक का आज सबसे अहम दिन है। पिछले दो दिनों से चल रहा मंथन आज फैसले के साथ खत्म होगा। देश भर की निगाहें आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा पर टिकी हैं जो आज बैठक के नतीजों का ऐलान कर रहे हैं।
लिक्विडिटी के लिए RBI का बड़ा कदम गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 686 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है, जो कि 11 महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि बैंकिंग सिस्टम में नगदी यानी लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए आरबीआई ने 1 लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की ओएमओ खरीद के साथ-साथ 5 अरब डॉलर का तीन साल का डॉलर-रुपये बाय-सेल स्वैप करने का भी फैसला किया है।
महंगाई दर भी घटाई आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के लिए विकास दर यानी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7.3 फीसदी कर दिया है। इसके साथ ही, केंद्रीय बैंक ने इसी वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर का अनुमान भी 2.6 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी कर दिया है। गवर्नर के मुताबिक, वित्त वर्ष 2027 की पहली छमाही में मुख्य महंगाई दर 4 फीसदी या उससे भी कम रह सकती है।
महंगाई कम-ग्रोथ 8% रिजर्व बैंक के मुख्यालय से संबोधित करते हुए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में महंगाई दर कम रही है और जीडीपी ग्रोथ 8 फीसदी रही है। उनके मुताबिक, अर्थव्यवस्था के लिए यह स्थिति 'गोल्डिलॉक्स पीरियड' की तरह है, जिसका मतलब है कि हालात न ज्यादा गर्म हैं और न ही ज्यादा ठंडे यानी एकदम सही हैं।
महंगाई 4% के करीब रहेगी आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने अपना रुख न्यूट्रल रखा है और आगे चलकर विकास दर में थोड़ी कमी आने की उम्मीद है। उनके मुताबिक हेडलाइन और कोर इन्फ्लेशन यानी महंगाई वित्त वर्ष 2027 की पहली छमाही में 4 फीसदी या उससे नीचे रहने की संभावना है। साथ ही, आरबीआई ने एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की ओएमओ खरीद और तीन साल के डॉलर-रुपये बाय-सेल स्वैप का भी फैसला किया है। गवर्नर ने कहा कि विकास और महंगाई के बीच संतुलन अभी भी पॉलिसी बनाने के लिए गुंजाइश दे रहा है।
केंद्रीय बैंक ने 0.25 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट में कटौती कर दी है, जिससे ब्याज दर घटकर 5.25 फीसदी पर आ गई है। साथ में FY26 के लिए महंगाई दर में भी कटौती की गई है। इससे अब EMI पर असर दिखेगा और वह सस्ती हो जाएंगी।
रेपो रेट में बदलाव नहीं बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री अदिति गुप्ता का मानना है कि दिसंबर की इस बैठक में आरबीआई रेपो रेट को 5.50 फीसदी पर ही स्थिर रख सकता है और अपना रुख न्यूट्रल बनाए रखेगा। उनका कहना है कि देश की जीडीपी ग्रोथ मजबूत है और महंगाई भी कम हो रही है इसलिए केंद्रीय बैंक के पास अभी दरों में बदलाव न करने और दुनिया भर के हालात पर नजर बनाए रखने का पूरा मौका है।
गवर्नर का भाषण कहां देखें रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा का भाषण आप केंद्रीय बैंक के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर लाइव देख सकते हैं।
आरबीआई ने रेपो रेट 5.50 फीसदी पर स्थिर रखा भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट को 5.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। इससे पहले खुदरा महंगाई में आई गिरावट को देखते हुए आरबीआई ने फरवरी से लेकर अब तक तीन किस्तों में रेपो रेट में कुल 100 बेसिस पॉइंट्स यानी एक फीसदी की कटौती की थी लेकिन इस बार दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
बाजार के जानकारों और आर्थिक पंडितों ने इस बार अच्छी खबर मिलने की उम्मीद जताई है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है। यह उम्मीद इसलिए भी बंधी है क्योंकि महंगाई के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिली है और देश की जीडीपी रफ्तार पकड़ रही है। हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपये का गिरना चिंता का विषय बना हुआ है। रुपया 90 के पार जा चुका है और दुनिया भर में चल रहे जियो-पॉलिटिकल तनाव का भी असर है। इन सबके बीच संतुलन बनाते हुए आरबीआई गवर्नर क्या फैसला लेते हैं यह देखना दिलचस्प होगा।
अगर इस साल के अब तक के सफर को देखें तो कर्ज लेने वालों के लिए यह साल राहत भरा रहा है। खुदरा महंगाई में कमी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने फरवरी से लेकर अब तक रेपो रेट में तीन बार कटौती की है। कुल मिलाकर ब्याज दरों में एक फीसदी की कमी की जा चुकी है। हालांकि पिछली दो बैठकों में रेपो रेट को 5.5 फीसदी पर स्थिर रखा गया था। पिछले महीने ही गवर्नर ने इशारा किया था कि ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश है। इसी बयान के आधार पर आज बड़ी राहत की उम्मीद की जा रही है।
आज जिस रेपो रेट की चर्चा हर तरफ हो रही है उसे समझना हर उस शख्स के लिए जरूरी है जिसने बैंक से लोन लिया है या लेने वाला है। आसान भाषा में समझें तो रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को पैसा उधार देता है। जब बैंकों को आरबीआई से सस्ता कर्ज मिलता है तो वे अपने ग्राहकों यानी आम जनता के लिए भी कर्ज सस्ता कर देते हैं। इसका सीधा मतलब है कि अगर आज रेपो रेट घटता है तो आपकी होम लोन और कार लोन की ईएमआई कम हो जाएगी। इसके उलट अगर रेपो रेट बढ़ता है तो ईएमआई का बोझ बढ़ जाता है। आज के फैसले का असर शेयर बाजार से लेकर रियल एस्टेट तक हर सेक्टर पर देखने को मिलेगा।
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