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RBI MPC Meeting: रिजर्व बैंक की बैठक शुरू, रेपो रेट में 0.25% कटौती की उम्मीद

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 07, 2025, 17:57 IST

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सारांश

RBI MPC Meeting: गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​​​की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा बुधवार, 9 अप्रैल को की जाएगी। गवर्नर के अलावा MPC में RBI के दो सीनियर अधिकारी और सरकार द्वारा नियुक्त तीन सदस्य होते हैं।

RBI MPC ने फरवरी में अपनी पिछली बैठक में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी।

RBI MPC ने फरवरी में अपनी पिछली बैठक में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी।

RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक सोमवार को शुरू हुई। MPC की बैठक में मुद्रास्फीति में नरमी और ग्रोथ को तेज करने की जरूरत को देखते हुए प्रमुख रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती किए जाने की उम्मीद है। इसके अलावा इस बैठक में अमेरिकी सरकार के भारत समेत करीब 60 देशों पर आयात शुल्क बढ़ाने के फैसले से पैदा होने वाली चुनौतियों पर भी गौर किए जाने की संभावना है।

9 अप्रैल को होगी फैसलों की घोषणा

गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा बुधवार, 9 अप्रैल को की जाएगी। गवर्नर के अलावा MPC में RBI के दो सीनियर अधिकारी और सरकार द्वारा नियुक्त तीन सदस्य होते हैं।

ब्याज दर में कटौती की उम्मीद

एमपीसी ने फरवरी में अपनी पिछली बैठक में प्रमुख ब्याज दर रेपो में 0.25 फीसदी की कटौती कर इसे 6.25 फीसदी कर दिया था। यह मई, 2020 के बाद रेपो रेट में पहली कटौती और ढाई साल के बाद पहला बदलाव था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि RBI द्वारा इस हफ्ते 0.25 फीसदी की एक और दर कटौती की घोषणा की जा सकती है।

SBI की एक रिसर्च रिपोर्ट में ये है अनुमान

SBI की एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेड टैरिफ, करेंसी में तेज उतार-चढ़ाव और खंडित कैपिटल फ्लो के परस्पर संबद्ध प्रभावों के कारण ग्लोबल ग्रोथ को अहम चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2025 की नीतिगत समीक्षा बैठक में 0.25 फीसदी की दर कटौती की उम्मीद है। दर कटौती के समूचे चक्र में कुल एक फीसदी तक की कटौती हो सकती है। जून 2025 की बैठक में अंतराल रहने के बाद अगस्त एवं अक्टूबर में दो और कटौती हो सकती हैं।

टैरिफ हाइक का भारत की GDP पर असर का अनुमान

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च ने कहा कि अमेरिका में भारतीय आयात पर 26 फीसदी टैरिफ लगाए जाने से वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ में 0.20-0.40 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। इस आर्थिक तनाव का मुकाबला करने के लिए RBI दरों में और कटौती के लिए प्रेरित हो सकता है।

पीरामल ग्रुप के मुख्य अर्थशास्त्री देबोपम चौधरी ने कहा कि घटती अमेरिकी ब्याज दरें, मजबूत रुपया और लक्षित स्तर से नीचे गिरती घरेलू मुद्रास्फीति के मेल का एक दुर्लभ अवसर इस समय दिख रहा है। चौधरी ने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक को इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहिए और दर में 0.50 फीसदी की कटौती करनी चाहिए।’’ फ्रेटबॉक्स के CEO आशीष गुप्ता ने उम्मीद जताई है कि उधार लेने और खर्च को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में संभावित कमी की जाएगी।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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