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RBI MPC 2025: रेपो रेट में 0.25% की कटौती का ऐलान, RBI ने लगातार दूसरी बार घटाई ब्याज दर

Upstox

4 min read | अपडेटेड April 09, 2025, 10:46 IST

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सारांश

RBI MPC 2025 Live: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती का फैसला लिया है। ब्याज दरों में कटौती से खपत को बढ़ावा मिलने और आर्थिक विकास में तेजी आने की उम्मीद है। ब्याज दर कम होने से आम तौर पर उधार लेने का ट्रेंड बढ़ता है, जिससे बिजनेस को बढ़ावा मिलता है।

RBI MPC 2025: एमपीसी ने फरवरी में अपनी पिछली बैठक में प्रमुख ब्याज दर रेपो में 0.25 फीसदी की कटौती की थी।

RBI MPC 2025: एमपीसी ने फरवरी में अपनी पिछली बैठक में प्रमुख ब्याज दर रेपो में 0.25 फीसदी की कटौती की थी।

RBI MPC 2025 Live: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजर मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर दिया है। FY26 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग (MPC) में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की घोषणा की गई है। इस कटौती के साथ अब रेपो रेट घटकर 6 फीसदी पर आ गया है। यह लगातार दूसरी बार है, जब RBI ने ब्याज दर घटाए हैं। मल्होत्रा ने कहा, "MPC ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती करके इसे 6% करने के लिए मतदान किया।" RBI के इस फैसले से आपके होम लोन की EMI कम होने की उम्मीद है।
  • 10:40 AM: मल्होत्रा ने कहा कि तनावपूर्ण परिसंपत्तियों (stressed assets) की बिक्री के लिए बाजार आधारित व्यवस्था की जाएगी। सोने के बदले मिलने वाले कर्ज अब रेगुलेटेड संस्थाएं बैंकों और NBFCs दोनों को दे सकेंगी। चालू वित्त वर्ष के लिए रियल जीडीपी का अनुमान 6.5% है। पहली तिमाही में 6.7%, दूसरी में 6.7%, तीसरी में 6.6% और चौथी में 6.3% रहने की संभावना है।
  • 10:38 AM: मल्होत्रा ने कहा कि खाद्य महंगाई को लेकर स्थिति अब सकारात्मक लग रही है। निवेश गतिविधियों में तेजी आई है और विनिर्माण क्षेत्र में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। शहरी उपभोक्ता खर्च भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। हालांकि, वैश्विक आर्थिक सुस्ती से कच्चे तेल और अन्य कमोडिटी की कीमतें और नीचे जा सकती हैं।
  • 10:36 AM: मल्होत्रा ने अमेरिका द्वारा किए गए टैरिफ हाइक पर कहा कि अनिश्चितता से आर्थिक विकास धीमा हो जाता है और व्यापार में टकराव की वजह से वैश्विक और घरेलू वृद्धि पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। ज्यादा टैरिफ (शुल्क) से निर्यात प्रभावित होते हैं।
  • 10:35 AM: उन्होंने बताया कि अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सुधार की ओर बढ़ रही है, लेकिन व्यापार विवादों से दुनिया में अस्थिरता और चिंता बढ़ रही है। साल की शुरुआत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चिंता के साथ हुई है।
  • 10:30 AM: गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक FDI निवेश मजबूत बना हुआ है।
  • 10:24 AM: FY26 के लिए रिटेल महंगाई अनुमान 4.2 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी किया गया है। Q3FY26 के लिए रिटेल महंगाई अनुमान 3.8 फीसदी पर बरकरार।
  • 10:20 AM: RBI ने पॉलिसी रुख को बदलकर Neutral से Accommodative करने का फैसला लिया है।
  • 10:16 AM: Q1FY26 रियल GDP ग्रोथ अनुमान 6.7% से घटाकर 6.5% किया गया। यानी इसमें 0.20 फीसदी की कटौती की गई है।
  • 10:15 AM: SDF (Standing Deposit Facility) और MSF (Marginal Standing Facility) रेट में भी 0.25 फीसदी की कटौती की गई है। MSF रेट 6.50 परसेंट से घटकर अब 6.25 परसेंट हो गया है। वहीं, SDF रेट 6% से घटाकर 5.75% कर दिया गया है।
  • 10:05 AM: RBI ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की। इस कटौती के साथ अब रेपो रेट घटकर 6 फीसदी पर आ गई है।
  • 10:00 AM: एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई थी कि रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का निर्णय लिया जा सकता है। रेपो रेट में कटौती का फैसला मुद्रास्फीति में नरमी और ग्रोथ को तेज करने की जरूरत को देखते हुए लिया जा सकता है। यह घोषणा इसलिए भी अहम है क्योंकि गवर्नर संजर मल्होत्रा भारत की भविष्य की ग्रोथ को लेकर टिप्पणी कर सकते हैं। अगर रेपो रेट में कटौती होती है तो आपके होम लोन की EMI और भी कम हो सकती है।
  • 09:50 AM: इस बैठक में अमेरिकी सरकार के भारत समेत करीब 60 देशों पर आयात शुल्क बढ़ाने के फैसले से पैदा होने वाली चुनौतियों पर भी गौर किए जाने की उम्मीद है। ट्रम्प ने भारतीय निर्यात पर 26% टैरिफ लगाया है। ऐसे में मल्होत्रा की टिप्पणी पर सबकी नजर होगी, जिसमें वे यह बता सकते हैं कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था किस तरह प्रभावित हो सकता है।
  • 09:40 AM: एमपीसी ने फरवरी में अपनी पिछली बैठक में प्रमुख ब्याज दर रेपो में 0.25 फीसदी की कटौती कर इसे 6.25 फीसदी कर दिया था। यह मई, 2020 के बाद रेपो रेट में पहली कटौती और ढाई साल के बाद पहला बदलाव था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि RBI द्वारा इस हफ्ते 0.25 फीसदी की एक और दर कटौती की घोषणा की जा सकती है।
  • 09:30 AM: ब्याज दरों में कटौती से खपत को बढ़ावा मिलने और आर्थिक विकास में तेजी आने की उम्मीद है। ब्याज दर कम होने से आम तौर पर उधार लेने का ट्रेंड बढ़ता है, जिससे बिजनेस को बढ़ावा मिलता है, प्रॉपर्टी में निवेश बढ़ता है और आवास क्षेत्र में मांग भी बढ़ता है।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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