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RBI Governor on Tariffs: टैरिफ का दूसरे देशों के मुकाबले भारत पर कम असर, जानिए RBI गवर्नर ने और क्या कहा

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 09, 2025, 13:39 IST

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सारांश

FY26 की पहली MPC मीटिंग के बाद RBI गवर्नर ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण वस्तुओं के निर्यात पर दबाव पड़ेगा, जबकि सेवाओं के निर्यात में मजबूती बनी रहने की उम्मीद है। वैश्विक व्यापार में बाधाओं के कारण आने वाली चुनौतियों से गिरावट का जोखिम बना हुआ है।

RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने ग्रोथ रेट के अनुमान को भी 6.7 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया है।

RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने ग्रोथ रेट के अनुमान को भी 6.7 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया है।

RBI Governor on Tariffs: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा का कहना है कि अमेरिका के टैरिफ हाइक का दूसरे देशों के मुकाबले भारत पर बहुत कम असर होगा। उन्होंने कहा कि भारत को इस समय तुलनात्मक बढ़त हासिल है। उन्होंने आज बुधवार को एमपीसी बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने कहा कि टैरिफ संबंधी उपायों ने सभी क्षेत्रों में आर्थिक परिदृश्य को प्रभावित किया है, जिससे ग्लोबल ग्रोथ और मुद्रास्फीति के लिए नई चुनौतियां पैदा हुई हैं।

निर्यात पर दबाव पड़ेगा: RBI गवर्नर

ग्लोबल टैरिफ वॉर के भारत पर प्रभाव के बारे में उन्होंने कहा कि इसका देश के निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ेगा। चालू वित्त वर्ष (2025-26) के लिए पहली MPC मीटिंग के बाद उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण वस्तुओं के निर्यात पर दबाव पड़ेगा, जबकि सेवाओं के निर्यात में मजबूती बनी रहने की उम्मीद है। वैश्विक व्यापार में बाधाओं के कारण आने वाली चुनौतियों से गिरावट का जोखिम बना हुआ है।’’

ग्रोथ रेट अनुमान में कटौती

वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने ग्रोथ रेट के अनुमान को भी 6.7 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा, “हालांकि, इन आधारभूत अनुमानों के इर्द-गिर्द जोखिम समान रूप से संतुलित हैं, लेकिन हाल ही में बढ़ी वैश्विक अस्थिरता के बीच अनिश्चितताएं बनी हुई हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह कमी मुख्य रूप से वैश्विक व्यापार और नीतिगत अनिश्चितताओं के प्रभाव को दिखाती है।

मल्होत्रा ने कहा, “हाल ही में व्यापार शुल्क से संबंधित उपायों ने सभी क्षेत्रों में आर्थिक परिदृश्य पर अनिश्चितताओं को और बढ़ा दिया है, जिससे ग्लोबल ग्रोथ और मुद्रास्फीति के लिए नई चुनौतियां सामने आई हैं। इस उथल-पुथल के बीच, अमेरिकी डॉलर में काफी गिरावट आई है, बॉन्ड यील्ड में काफी कमी आई है; शेयर बाजारों में गिरावट आ रही है; और कच्चे तेल की कीमतें तीन साल से भी अधिक समय के अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं।”

उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में केंद्रीय बैंक सतर्कतापूर्वक काम कर रहे हैं, और कई क्षेत्रों में नीतिगत भिन्नता के संकेत मिल रहे हैं। यह उनकी अपनी घरेलू प्राथमिकताओं को दिखाता है।

पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित 60 देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जो नौ अप्रैल से प्रभावी हो गया। अमेरिका ने भारत पर झींगा, कालीन, चिकित्सा उपकरणों और सोने के आभूषणों सहित कई प्रोडक्ट्स पर 26 फीसदी का जवाबी टैरिफ लगाया है।

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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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